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माॅनसून सत्र शुरू से पहले ही लैंड म्यूटेशन बिल पर पिछे हटी सरकार

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा सही-गलत का आकलन करने के बाद ही लाएंगे बिल

रांची। विधानसभा का सत्र शुरू होन से पहले लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर पीछे हटते हुए राज्य की हेमंत सरकार ने गलत और सही का आकलन करने के बाद ही सत्र में इस बिल को लान की बात कही है। शुक्रवार को सत्तारूढ़ दलों की बैठक होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार सही और गलत का आकलन करने के बाद ही कोई विधेयक लाएगी। कहा कि लोगों के सुझाव पर गंभीरता से विचार किया जाना आवश्यक है।

सत्तारूढ़ दल की बैठक में बिल का एक स्वर में हुआ विरोध

विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कार्यालय कक्ष में सत्तारूढ़ दलों की हुई बैठक में विधायकों ने भी एक स्वर में लैंड म्यूटेशन बिल के मौजूदा स्वरूप का विरोध किया। बैठक के बाद राज्य सरकार के मंत्रियों और सत्तापक्ष के विधायकों ने खुलकर अपना पक्ष रखते हुए बिल में मौजूद त्रुटियों को दूर करने के बाद ही कोई निर्णय लेने की बात कही।

बिल के पक्ष में नही दिखें मंत्री से लेकर विधायक

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, पेयज लमंत्री मिथलेश ठाकुर, पूर्व मंत्री मथुरा महता, विधायक स्टीफन मरांडीे सहित अन्य मंत्रियों व विधायकों ने कहा कि बिल के मौजूदा स्वरूप के पक्ष में कोई नहीं हैं। ऐसे में इसमें संशोधन कर फिर से प्रारूप तैयार करने की जरूरत है। कहा कि लोगों की सरकार से अपेक्षाएं बढ़ी है। इसे पूरा नहीं किया गया तो खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वहीं विधायक बंधु तिर्की ने सत्तारूढ़ दल की बैठक में सरना कोड का मुद्दा उठाया और पिछली सरकार में जमीन से संबंधित मामलों की समीक्षा करने की मांग भी रखी। सुझाव दिया कि बिहार के बिल का अंगीकार करने की प्रथा बंद होनी चाहिए। दोनों राज्यों की जमीन की प्रकृति अलग है। उन्होंने कहा कि आइएएस अधिकारी अधिक बुद्धिमानी का परिचय नहीं दें।

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