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गायत्री शक्तिपीठ में हुई मंगल कलश की स्थापना

  • श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करने के साथ ही दी गई पूर्णाहुति
  • नवरात्र में वेद मंत्र गायत्री महामंत्र का संकल्प पूर्वक जप करने से होता है चरित्र परिवर्तन

गिरिडीह। शहर के तिरंगा चौक स्थित गायत्री शक्तिपीठ में गुरुवार को शारदीय नवरात्र के शुभ अवसर पर मंगल कलश की स्थापना की गई। इस दौरान गायत्री परिवार से जुड़े लोगों ने श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की और गायत्री यज्ञ में शामिल हुए। साथ ही सबके उज्जवल भविष्य एवं स्वस्थ जीवन के लिए वेदमंत्र गायत्री एवं अन्य मंत्रों से आहुतियां प्रदान की गई।

बताया गया कि गायत्री शक्तिपीठ में दोनों नवरात्र के शुभ अवसर पर नौ दिवसीय लघु अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर गायत्री मंत्र के साधकों के द्वारा 9 दिनों में 24000 गायत्री महामंत्र का जप प्रत्येक साधक के द्वारा किया जाता है।


वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी का कथन है कि नियमित गायत्री उपासना के साथ-साथ यदि नवरात्र के पावन अवसर पर वेद मंत्र गायत्री महामंत्र का संकल्प पूर्वक जप किया जाए तो व्यक्ति के चरित्र चिंतन एवं व्यवहार में आमूलचूल परिवर्तन होता है। उसके अंदर सात्विक प्रवृत्तियों का विकास होता है और वह सन्मार्गगामी बन जाता है। गायत्री उपासना से जुड़े परिजनों के द्वारा नशा, मांस भक्षण एवं अन्य दुशप्रवृतियां धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है और सतप्रवृतियां बढ़ती चली जाती है जिससे धन की बर्बादी रुक जाती है। बताया गया कि 14 अक्टूबर को इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति संपन्न होगी।


कार्यक्रम को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह, दर्शन पंडित, भागीरथ प्रसाद सिंह, नरेश प्रसाद यादव, प्रकाश मंडल, महेंद्र शर्मा, दयानंद प्रसाद, जयप्रकाश राम, योगेश्वर महतो, उर्मिला बरनवाल, पूनम वर्णवाल, पूनम गुप्ता, विनीता देवी, अर्चना देवी, यशोदा देवी आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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