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मां मथुरासिनी के पूजनोत्सव के मौके पर गायत्री दीप महायज्ञ का हुआ आयोजन

  • लोगों ने दीप यज्ञ के साथ ही लिए बुराईयों को त्याग करने का संकल्प

गिरिडीह। अखिल विश्व गायत्री परिवार देर शाम को लेदा में मां मथुरासिनी के पूजनोत्सव के मौके पर गायत्री दीप महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस मौके पर सैकड़ों लोगों ने इसमें भाग लिया। दीप महायज्ञ का संचालन अखिल विश्व गायत्री परिवार के नरेश प्रसाद यादव के द्वारा किया गया। वैदिक मंत्रों के द्वारा दीप महायज्ञ संपन्न कराया गया। मौके पर सैकड़ों दीपकों को प्रज्वलित कर गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय मंत्र एवं वैदिक मंत्रों से आहूतियां प्रदान कर मां मथुरासिनी से सबके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। इस दौरान लोगों ने देव दक्षिणा स्वरूप जीवन की एक-एक बुराइयों का परित्याग करने, कटु वचन नहीं बोलने एवं प्रत्येक वर्ष 5-5 पौधे लगाने का संकल्प लिया।

मौके पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह ने कहा कि मां मथुरासिनी मां दुर्गा मां का ही एक रूप है। प्रत्येक वर्ष शीतलाष्टमी के दिन पूरे भारतवर्ष में मां मथुरासिनी की पूजा की जाती है। कहा कि इस पावन अवसर पर अपने भीतरी दृष्टिकोण को बदले तो बाहर जो कुछ भी दिखाई पड़ता है वह सब कुछ बदला-बदला दिखाई देगा। अनेक लोगों को इस संसार में केवल पाप और दुर्भाव ही दिखाई पड़ती है। इसका मुख्य कारण अपनी आंतरिक मालीनता ही है। कहा कि हमारे अंदर जो आंतरिक मालीनता है उसको समाप्त करने का एकमात्र माध्यम सूर्यमंत्र, वेदमंत्र, गायत्री महामंत्र ही है। अतः हम सबको मां मथुरासिनी के सन्मुख बैठकर प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट गायत्री महामंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश कुमार राम, संजय कुमार, राजेंद्र कुमार, सुरेश कुमार, निरंजन कुमार राम, पंकज कुमार, दीपक कुमार गुप्ता, मुकेश कुमार, रजत कुमार, विजय कुमार, ध्रुव कुमार, विक्की कुमार, अजीत कुमार, गोपाल राम, प्रदीप कुमार गुप्ता, सौरभ कुमार, सावित्री देवी, मीना देवी, राखी देवी, आरती देवी सहित माहुरी वैश्य महामंडल के सभी सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।

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