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56 साल बाद नेताजी जयंती पर कोलकाता पहुंचने वाले प्रधानमंत्री बने मोदी

इससे पहले 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री 23 जनवरी को पहुंचे थे कोलकाता/कार्यक्रम में जय श्री राम का नारा लगने से नाराज ममता बनर्जी उतर गयीं मंच से

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता पहुंचने वाले दूसरे पीएम साबित हुए हैं। इससे पहले नेताजी जयंती पर वर्ष 1965 में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री कोलकाता पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बंगाल की राजधानी कोलकाता पहुंचे हैं। पीएम के वहां पहुंचने पर सुभाष चंद्र बोस के परिवार में खुशी है। सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि हमने मोदी जी को चिट्ठी लिखी थी कि आप 23 जनवरी को कोलकाता आएं। 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री कोलकाता आए थे। उनके बाद से कोई भी प्रधानमंत्री 23 जनवरी को कोलकाता नहीं आए। बहुत खुशी की बात है कि पीएम ने यह अनुरोध स्वीकार किया।

मालूम हो कि पीएम मोदी ने सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि देश भर में पराक्रम दिवस के रूप में नेताजी की 125 वीं जयंती मनाने का केंद्र का लिया गया एक बहुत ही अच्छा निर्णय है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन अंतिम लड़ाई आजाद हिंद फौज ने लड़ी थी। नेताजी के परपोते ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री दिसंबर 1965 को बंगाल आए थे। 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्होंने 1965 में रेड रोड में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था। उसके बाद से आज तक कोई भी पीएम यहां नहीं आया। अब पीएम मोदी आए हैं इसलिए उन लोगों को बहुत खुशी है।

दूसरी ओर सुभाष चंद्र बोस की बेटी डॉ. अनीता बोस ने कहा कि 124 साल पहले, भारत के सबसे प्रसिद्ध पुत्रों में से एक, मेरे पिता नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक में हुआ था। केंद्र और राज्य सरकार ने उनके जन्म के बाद 125 वें वर्ष में उन्हें सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। डॉ. अनीता ने कहा कि उनके पिता सुभाष चंद्र बोस ने एक ऐसे देश की कल्पना की थी जो आधुनिक, प्रबुद्ध, इतिहास की गहराईयों वाला, धार्मिक मान्यताओं वाला और दार्शनिक हो। उन्होंने कहा था कि स्वतंत्रता के बाद चुनौतियां होंगी और ऐसी चुनौतियों का सामना करने वालों में वह भी शामिल होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

उधर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर शनिवार को विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जय श्री राम के नारे लगने के बाद नाराज हो गईं। कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए जैसे ही ममता मंच पर आगे बढ़ीं तो कुछ लोगों ने नारेबाजी कर दी। इससे ममता बनर्जी काफी क्षुब्ध हो गईं और बोलने से इनकार कर दिया। ममता ने बमुश्किल एक मिनट का भाषण दिया और मंच से नीचे उतर गईं। दरअसल, जब ममता बनर्जी अपने संबोधन के लिए मंच पर चढ़ रही थीं, उसी दौरान नीचे खड़े लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। मंच पर पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। नाराज ममता ने नेताजी जयंती पर कोलकाता में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यटन मंत्री का धन्यवाद करती हूं। यह सरकारी कार्यक्रम है, किसी को आमंत्रित करने के बाद इस तरह से अपमान नहीं किया जाना चाहिए। ममता ने कहा कि सरकारी कार्यक्रम को राजनीतिक कार्यक्रम बनाना सही नहीं है। इसीलिए मैं अब कुछ नहीं बोलूंगी। इसके बाद वह मंच से तुरंत नीचे उतर गईं।

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