सैलून संचालक हत्याकांड में शामिल चार आरोपियों को गिरिडीह मुफ्फसिल थाना पुलिस ने किया गिरफ्तार, पैसों के बंटवारे को लेकर हुई थी हत्या
गिरिडीहः
दो सप्ताह बाद सैलून संचालक शंकर ठाकुर हत्याकांड का गिरिडीह मुफ्फसिल थाना पुलिस ने खुलासा तो किया। लेकिन हत्याकांड में अभी तक चार आरोपी ही पुलिस गिरफ्त में आ पाएं है। जबकि कई आरोपी अब भी फरार है। पैसे के लेन-देन को लेकर शंकर ठाकुर की हत्या हुई। यह गिरफ्तार चारों आरोपियों ने जरुर कबूला। लेकिन किन पैसों के लेन-देन को लेकर शंकर ठाकुर की हत्या हुई। पैसे बंटवारे को लेकर आपसी रंजिश ही शंकर ठाकुर के हत्या का कारण सामने निकल कर सामने आया। वैसे हत्याकांड में शामिल कुछ आरोपी अब भी फरार है। पुलिस उन आरोपियों को गिरफ्तार करने को लेकर छापेमारी कर रही है। पुलिस को मिले सफलता के दुसरे दिन रविवार को पुलिस लाईन में प्रेसवार्ता कर एसडीपीओ अनिल सिंह और मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय राम ने गिरफ्तार अपराधियों की जानकारी दी। जिसमें बेंगाबाद थाना क्षेत्र के सिजुआ गांव निवासी संजय कोल, नारायण कोल, रामदेव कोल और मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के बेरदंगा गांव निवासी फूलचंद कोल शामिल है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल धारदार हथियार को भी बरामद कर लिया है। बताया कि हत्याकांड गिरफ्तार चारों आरोपियों ने कई और बातों को कबूला है। जिसका खुलासा करने से पुलिस इंकार कर रही है। बतातें चले कि मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के सिहोडीह निवासी शंकर ठाकुर सिहोडीह के समीप पटेल नगर में सैलून दुकान चलाता था। बीतें 15 मार्च की शाम को दुकान बंद कर शंकर घर जाने के लिए निकला। लेकिन घर नहीं पहुंचा, तो देर रात ही परिजनों ने मामले की जानकारी मुफ्फसलि थाना पुलिस को दिया। वहीं दुसरे दिन 16 मार्च को शंकर ठाकुर का शव बेंगाबाद थाना क्षेत्र के बनगांव नदी के श्मसान घाट स्थित काली मंदिर के समीप मिला था। शव की स्थिति देख ही स्पस्ट हुआ कि बेहद निर्ममता के साथ उसकी हत्या हुई है। शंकर ठाकुर हत्याकांड पुलिस के लिए बिल्कुल ब्लाईंड केस था। क्योंकि हत्याकांड में कोई सुराग पुलिस को नहीं लग रहे थे। लेकिन संदेह के आधार पर कई लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस चारों आरोपियों तक पहुंच पाई।