संक्रमण से हो रही लगातार मौतों ने गिरिडीह के श्मसान और कब्रिस्तान में अतिरिक्त व्यवस्था के लिए लोगों को किया मजबूर
17 लाख के लागत से शहर के श्मसान में हो रहा है पांच शव जलाने की व्यवस्था का कार्य
बुधवार को शहर के एक बैंक प्रबंधक समेत पांच की मौत
लगातार शव जलाने से अब यौद्धाओं के आंखो से बहने लगें आंसू
गिरिडीहः
कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों ने बेदर्दी की सारी हदें पार कर दिया है। अब तो स्थिति यह है कि गिरिडीह में श्मसान में शव जलाने और कब्रिस्तान में दफनाने की अतिरिक्त व्यवस्था करना मजबूरी हो रहा है। फिर कैसे कहा जा सकता है कि हालात सुधरे है। बुधवार को ही सरकारी-गैर-सरकारी आंकड़ो के अनुसार पांच संक्रमितों को कोरोना के कारण जान गंवाना पड़ा। इसमें शहर के सदर अस्पताल स्थित कोविद सेंटर में जहां बगोदर के अटका के 23 वर्षीय युवक राकेश कुमार की मौत हुई। तो जमुआ के द्वारपहरी की अंबिया देवी ने भी संक्रमण से ही कोविद सेंटर मंे दम तोड़ी। वहीं दोपहर बाद शहर के कई संक्रमितों के मौत का सूचना मिलता रहा। जिसमें बैंक आॅफ इंडिया के द्वारपहरी शाखा के प्रबंधक दीपक कुमार की मौत जहां इलाज के क्रम में रांची में हुआ। जानकारी के अनुसार बैंक के शाखा प्रबंधक शहर के चिरैयाघाट के रहने वाले थे। सूत्रों की मानें तो दिवंगत बैंक प्रबंधक के एक रिश्तेदार का भी संक्रमण से हालात गंभीर होने की सूचना है। इसी प्रकार संक्रमण ने ही सरिया प्रखंड के डाकघर के एक कर्मचारी की पत्नी की मौत हुई। तो सदर प्रखंड के पटेल नगर में भी संक्रमित ने बुधवार को ही दम तोड़ा। वहीं बुधवार को शहर के अलग-अलग हिस्सों में तीन की मौत हुई। जिसमें प्रभु दयाल गुप्ता समेत अन्य शामिल है। शहर के भंडारीडीह के एक मीट कारोबारी के भाई की मौत भी कोरोना संक्रमण से हुआ।
बहरहाल, संक्रमण से दम तोड़ती जिदगीं ने शहर के दोनों कोरोना यौद्धा राॅकी नवल और मिथुन चन्द्रवंशी को भी थका दिया है। जो पिछले 20 दिनों से लगातार संक्रमितों के शव का अंतिम संस्कार करने में जुटे हुए है। स्थिति यह है कि कई बार संक्रमितों के शव जलाते-जलाते दोनों कोरोना यौद्धाओं के आंखों से आंसू बह जा रहे है। इसी बीच बुधवार को जब श्मसान पहुंचने के बाद देखा गया कि श्मसान में नगर निगम द्वारा 17 लाख के लागत से पांच नए शव दाह स्थल तैयार किए जा रहे है। प्रभारी उप नगर आयुक्त रोहित सिन्हा के निर्देश पर पांच शव दाह स्थल को तैयार करने वाले संवेदक अमित सिंह को 14 दिनों के भीतर कार्य पूरा करने का निर्देश है। जिसे महामारी से मरने वालों के शव जलाने के लिए किसी को प्रतीक्षा नहीं करना पड़े। लिहाजा, युद्धस्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है। अब तक शेड बन चुके है तो बड़े-बड़े बोल्डर से शव दाह स्थल को बनाने में मजदूर भी जुटे हुए है।