कालाबाजारी के कारण बढ़ रहे है आलू-प्याज के दाम: संजय पासवान
कोल्ड स्टोरेज में पड़े है आलू के भंडार
कोडरमा। आलू के गोदाम भरे पड़े हैं, फिर भी खुदरा बाजार में पुराना आलू 35 से 40 रुपये किलो तक बिक रहा है। इधर प्याज की कीमत हर दिन बढ़ रही हैं और 100 रुपये प्रति किलो पर पहुँचने को तैयार है। सिर्फ कालाबाजारी के वजह से ही आलू और प्याज की कीमतो में बढ़ोतरी हो रही है। उक्त बयान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आलू और प्याज के बढ़े दामों का किसानों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है और बिचैलिये माल उड़ा रहे हैं।
किसानों को अब भी नही मिल रहा है उचित मूल्य
मोदी सरकार के नारों मंे बिचैलियों को हटाने की बात की जा रही है, लेकिन असल मे बिचैलिये और कालाबाजारियों की चांदी है। किसानों को दो रूपये किलो भी प्याज का दाम नहीं मिलता है, लेकिन आज महानगरों में प्याज 140 से 150 रुपये प्रति किलो के दाम से मिल रही है। प्याज उत्पादन में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसके बावजूद देश में प्याज की कीमतें लोगों के आंसू निकाल रही है। बीते एक सप्ताह में झारखण्ड समेत कई राज्यों में प्याज के दामों में तेजी से वृद्धि हुई है। दामों में लगातार हो रही वृद्धि से लोगों के बजट पर फर्क पड़ना शुरू हो गया है। आकंड़ों के मुताबिक, प्याज की कीमतों में पिछले साल की तुलना में करीब तीन गुना वृद्धि हुई है।
आलू और प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर करने पर बढ़ी किसानों की मुश्किलें
कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा आलू और प्याज को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर करने पर किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रिकॉर्ड के मुताबिक, कोल्ड स्टोरेज में 30 लाख मीट्रिक टन आलू है। स्थानीय किसानों के आलू की नई फसल आने तक सिर्फ 10 लाख मीट्रिक टन पुराना आलू की खपत होगी। फिर भी दाम आसमान छू रहे हैं। नये कानून के मुताबिक अब सरकार निगरानी नहीं करेगी कि किसने कितना स्टॉक जमा किया है। इससे कालाबाजारी आसान हो गई है। जिसके कारण आलू और प्याज के दाम में आग लगी है। हाल ही मे मोदी सरकार ने संसदीय परम्परा को ताक पर रखकर तीन किसान विरोधी कृषि कानून पास करा लिया जसके खिलाफ देश भर के किसान आंदोलनरत हैं और दशहरे पर पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों जगह किसानों ने रावण की जगह प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाया है। सरकार किसानों से कह रही है कि आपको बरगलाया जा रहा है। हम तो आपको अमीर बनाने का जुगाड़ कर रहे हैं। लेकिन जमीन पर तो वही हो रहा है जिसकी आशंका पहले से थी।