स्टेन स्वामी की मौत के लिए केंद्र सरकार पर चले मुकदमा : माकपा
कोडरमा। फादर स्टेन स्वामी की हिरासत में हुए मौत के खिलाफ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बुधवार को कोडरमा बाजार में प्रतिवाद मार्च निकाला। इस दौरान माकपा ने स्टेन स्वामी की मौत लिए जिम्मेवार केन्द्र सरकार पर मुकदमा चलाने की मांग की। कोडरमा थाना के समीप से मार्च निकलकर गांधी चैक, जयनगर रोड, राजेन्द्र चैक होते हुए सब्जी मार्केट चैक पहुंचकर प्रदर्शन व सभा में तब्दील हो गया। जहां स्टेन स्वामी की मौत नहीं हत्या है, अंग्रजों के जमाने के कानून रद्द करो, आंदोलनकारियों पर यूएपीए व देशद्रोह कानून लगाना बंद करो, सामाजिक कार्यकर्ता व राजनीतिक बंदियों को रिहा करो आदि अक्रोशपूर्ण नारे लगाए गए। मौके पर सीपीएम नेता संजय पासवान ने कहा कि 84 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी ने झारखंड के दूर-दराज के इलाकों में आदिवासियों के अधिकारों और जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए लोगों को जागरूक करते रहे, उन्हें पिछले 10 माह से बिना कोई ठोस सबूत के कठोर यूएपीए कानून के तहत कथित भीमा कोरेगांव मामले में एनआईए ने जेल में डाल दिया था। एनआईए कोर्ट ने जमानत की अपील को खारिज कर दिया। बीमार होने के बाद उन्हें देर से अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके कारण उनकी मौत सोमवार को हो गई। इसलिए यह स्वाभाविक मौत नहीं बल्कि हत्या है और इस मौत का जिम्मेवार सीधे तौर पर केन्द्र की भाजपानीत तानाशाही मोदी सरकार है जिस पर मुकदमा चलाया जाए।
जिम्मेदार लोग जवाबदेही ने बच नहीं सकते
सीपीएम के जिला सचिव असीम सरकार ने कहा कि उन पर झूठे मामले थोपने, जेल में उनकी लगातार नजरबंदी और अमानवीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोग जवाबदेही से बच नहीं सकते। पार्टी की मांग है कि राजनीतिक रूप से प्रेरित मामलों में जेल में बंद सभी बंदियों पर लगे यूएपीए, देशद्रोह जैसे कठोर कानूनों का रद्द कर उन्हें अविलंब रिहा किया जाय। विरोध प्रदर्शन में प्रकाश यादव, सरफराज अहमद, शिवपुजन पासवान, विक्की कुमार, रोहित कुमार रजक, अभ्रोज्योति सरकार आदि शामिल थे।