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अंतर्जिला गिरोह के छह अपराधियों को गिरिडीह पुलिस ने दबोचा

सड़क लूट सहित कई घटना को देते थे अंजाम
अपराधियों के पास से रिवाल्वर और दो बाईक समेत नगद रुपये बरामद

गिरिडीह। सड़क लूट की घटना को अंजाम देने वाले अंतर्जिला गिरोह के छह अपराधियों को गिरिडीह के बिरनी थाना पुलिस ने बिरनी के बरमसिया चाौक के समीप झांझपुल के समीप गिरफ्तार किया। गिरफ्तार छह अपराधियों के पास से पुलिस ने एक देसी पिस्तौल के साथ तीन जिंदा कारतूस और ग्राहक सेवा केन्द्र के अलग-अलग संचालकों से लूटे गए 25 हजार नगद रुपये बरामद किए। पुलिस ने इन अपराधियों के पास से कोडरमा के नवलशाही इलाके में एक बाईक सवार से लूटे मोबाइल फोन और दो बाईक भी बरामद करने में सफलता पाया। बरामद दोनों बाईक बगैर नंबर प्लेट के थे। शुक्रवार की देर रात मिले सफलता के बाद शनिवार की शाम प्रेसवार्ता कर एसपी अमित रेणु, एसडीपीओ विनोद महतो ने गिरफ्तार अपराधियों के नाम और क्राइम हिस्ट्री की जानकारी दिया। पुलिस के हत्थे सभी अपराधियों की उम्र 35 के करीब है। गिरफ्तार अपराधियों में नवलशाही के बेको डगरनवा निवासी अपराधी विनोद राय, मिर्जागंज निवासी बबलू यादव, धनवार थाना क्षेत्र के एगडारा गांव निवासी रंजीत कुमार यादव व रवि यादव के अलावे सरिया थाना क्षेत्र के बंदखारो गांव निवासी लालजीत कुमार, जमुआ के हरला गांव निवासी बाबूलाल यादव शामिल है।


रैकी कर घटना को देते थे अंजाम

एसपी ने बताया कि गिरफ्तार सभी अपराधियों का अपराधिक इतिहास है। पुलिस ने इन अपराधियों को शुक्रवार की देर रात बिरनी के झांझपुल के समीप बाईक और हथियार के साथ उस वक्त गिरफ्तार किया था। जब सभी अपराधी बिरनी के डबरसेनी इलाके से एक लूट की घटना को अंजाम देकर फरार हो रहे थे। फरार होने के क्रम में धनवार थाना पुलिस को सभी अपराधी चकमा देकर भागने में सफल रहे। इसके बाद जिले के सभी थानों को अलर्ट किया गया। इसी दौरान इन अपराधियों को पुलिस ने झांझपुल के समीप से दबोचने में सफलता पाया। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार सभी अपराधी पूर्व में नवलशाही में एक ग्राहक सेवा केन्द्र के संचालक से 38 हजार लूट की घटना में जेल जा चुके है। वहीं बिरनी में ही बीतें माह ही एक बाईक सवार से सवा लाख नगद रुपयों के साथ लैपटाॅप लूटकर फरार हुए थे। जबकि इस माह में सरिया में एक सड़क लूट की घटना को अंजाम दिया था। बताया कि अंतर्जिला गिरोह के सदस्य रैकी के बाद पूरी घटना को अंजाम दिया करते थे। लूट के इन घटनाओं को अंजाम देकर सभी अपराधी कोडरमा में छिप जाते थे। कोडरमा और गिरिडीह का इलाका इन अपराधियों का कार्यक्षेत्र था।

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