शहरी आवास योजना की हुई समीक्षा बैठक, रिपोर्ट में गिरिडीह आईसीआईसीआई बैंक लाभुकों के भुगतान में कर रहा मनमाना रवैया
सरकार से मिले फंड को दुसरे बैंक में ट्रांसर्फर कर लाभुकों को भुगतान का मिला निर्देश
गिरिडीहः
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की हालत सुधारने में गिरिडीह नगर निगम के पसीने छूट रहे है। लेकिन समीक्षा बैठक कर निगम के अधिकारी व कर्मी लाभुकों को आईवाॅश करने से भी नहीं चूक रहे। शनिवार को भी निगम के सभागार में प्रभारी महापौर प्रकाश सेठ ने आवास योजना के नोडल पदाधिकारियों और सिटी प्रबंधक के साथ बैठक किया। तो अपूर्ण योजनाओं को लेकर चर्चा किया गया। बैंक और नगर निगम के आपसी नुक्ताचीनी के कारण ही लाभुकों की परेशानी पर प्रभारी महापौर ने चिंता जताया। महापौर के चिंता का कारण भी रहा कि पूरे निगम इलाके में करीब तीन हजार से अधिक लाभुकों को आवास योजना का भुगतान नहीं हो पाया है। कई लाभुक है ऐसे भी है कि पहली किस्त आने के बाद उन्होंने पुराने आवास को तोड़कर नया बनाना शुरु किया। तो दुसरी किस्त के लिए निगम के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हो गया। लिहाजा, वैसे लाभुकों के आवास अब भी अधूरे थे। इस दौरान महापौर सेठ ने सिटी प्रबंधक और नोडल पदाधिकारी से इसका कारण पूछा, तो दोनों में किसी की और से संतुष्ट जवाब नहीं मिला। लेकिन महापौर को दोनों ने जानकारी दिया कि शहर के आईसीआईसीआई बैंक प्रबंधक ही मनमानी रवैया अपनाकर लाभुकों के भुगतान रोके हुए है।
जबकि सरकार की और से फंड मिलने के बाद काफी पहले ही बैंक को राशि उपलब्ध करा दिया गया था। सिटी प्रबंधक और नोडल पदाधिकारी से मिले रिपोर्ट पर महापौर ने योजना से जुड़े चार एजेंसियों और अन्य कर्मियों से दो सितंबर तक भुगतान की प्रकिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। तो कड़े शब्दों में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक को भी शोकाॅज कर भुगतान नहीं होने का कारण पूछे। क्योंकि नगर विकास विभाग से लाभुकों के अपूर्ण आवास को पूरा करने का अधिक दबाव है। इस बीच बैठक में आवास योजना से जुड़े कई और मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं बैठक में सिटी प्रबंधक और नोडल पदाधिकारी बैंशन कडूंला और अजमल हुसैन समेत चारों एजेंसियों के कर्मी मौजूद थे।