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रोटरी में बैंकिंग ट्रांजैक्शन एंड रिवॉल्यूशन पर हुआ कार्यक्रम

कोडरमा। रोटरी क्लब ऑफ कोडरमा के द्वारा ‘‘बैंकिंग ट्रांजैक्शन एंड रिवॉल्यूशन‘‘ विषय पर शुक्रवार को रोटरी भवन मंे स्पीकर मीटिंग कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर संतोष सिन्हा मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ किया गया। मुख्य वक्ता ने बैंकिंग प्रणाली और उसके इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज के समय में बैंक जीवन का एक अभिन्न अंग है। हर मनुष्य के लिए बैंक एक पर्याय बन चुका है। बिना बैंक के किसी भी प्रकार का व्यापार, और अन्य कार्य संभव नहीं है। बैंक के बिना जिंदगी चलना मुश्किल है। बैंकिंग हर मनुष्य की एक जरूरत बन गई है।

भारत में 1770 में में हुई थी बैंक की शुरूआत

मुख्य वक्ता संतोष सिन्हा ने बैंक से होने वाले फायदे और बैंक में सावधानी पूर्वक बिना जोखिम के किस तरह काम करें इसके बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि भारत में बैंक की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा 1770 ईस्वी में हुई थी। सर्वप्रथम बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ मुंबई, बैंक ऑफ मद्रास की शुरुआत हुई। सबसे पहला बैंक कोलकाता में खुला। 1934 में रिजर्व बैंक की स्थापना की गई। 1949 में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया और 1960 से एसबीआई समेत अन्य बैंक का भी राष्ट्रीयकरण किया गया। कई प्राइवेट बैंक भी खोले गए, पूरे भारतवर्ष में छोटे-छोटे गांव कस्बों में बैंक खुला और लोगों को इसका लाभ मिला।

मुख्य वक्ता को प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित

मुख्य वक्ता संतोष सिन्हा को आईपीपी राजकुमार वर्मा, रोटरी अध्यक्ष रितु सेठ ,सचिव नवीन जैन ने संयुक्त रुप से प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। धन्यवाद ज्ञापन रोटेरियन रामरतन महर्षि किया। मौके पर पूर्व अध्यक्ष रोटेरियन सुरेश जैन, महेश दारूका, राजेंद्र मोदी, जयकुमार गंगवाल, कैलाश चैधरी, कुमार पुजारा, संदीप सिन्हा, सुरेश सेठी, टीनू कुमारी, प्रवीण वर्णवाल, रोहित कुमार, विकास सेठ, आरती आर्य, नवीन आर्य, संतोष चैधरी, सुनीता मोदी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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