शादी के पहले वर्षगांठ पर श्रेय क्लब के सचिव रमेश यादव ने पत्नि संग किया रक्तदान
- विगत कई वर्षों से रक्तदान के क्षेत्र में है सक्रिय
- थेलिसेमिया ग्रसित बच्चों के लिए अधिक होती रक्त की आवश्यकता: रमेश
गिरिडीह। शादी के पहले वर्षगाँठ के मौके पर श्रेय क्लब के सचिव एवं नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर रमेश यादव ने अपनी पत्नी रेणु कुमारी के साथ रक्तदान किया। रमेश का यह अपने जीवन का 68वां यूनिट रक्तदान था। वह पिछले कई वर्षों से श्रेय क्लब के द्वारा विभिन्न सामाजिक कार्यों में योगदान देने के साथ ही रक्तदान के क्षेत्र में भी निरंतर योगदान दे रहे है।
क्लब के सचिव रमेश यादव ने बताया कि वह अब तक 9 हजार से अधिक मरीजों को क्लब के सहयोग से रक्त उपलब्ध करा चुका है एवं क्लब का जरूरतमन्द मरीजों के लिए रक्त उपलब्ध करवाने का प्रयास भी निरंतर जारी है। बताया कि इस लम्बे समय में जहाँ हजारों नए लोगों को जागरूक कर रक्तदान के कार्य से जोड़ने का प्रयास किया है।
कहा कि गिरिडीह में आज भी रक्त की कमी बनी हुई है। किसी भी शहर के कुल आबादी के अनुसार 1ः रक्त की आवश्यकता होती है जो गिरिडीह जैसे जिले जहाँ ईलाज की बेहतर सुविधा नहीं है और ज्यादातर मरीज अपना ईलाज करवाने बाहर ही चले जाते हैं तो ये जरूरत और भी कम हो जाती है। गिरिडीह जिले में 150 के लगभग थैलेसीमिया बच्चे हैं जिन्हें हर माह 250 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है जिसे रक्त अधिकोष से बिना रिप्लेसमेंट रक्त देना होता है। थैलेसीमिया बच्चों की जरूरतों और अन्य मरीजों की जरूरतों को मिलाकर गिरिडीह जिले में हर वर्ष लगभग 10 हजार यूनिट रक्त की आवश्यकता है जबकि मरीज के परिजनों के द्वारा रिप्लेसमेंट एवं अन्य स्वैच्छिक रक्तदान से 6,500 यूनिट रक्तदान ही हो पाता है जो मूल जरूरत से काफी कम है। ऐसे में गिरिडीह जिले में रक्तदान के क्षेत्र में अभी बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है।