अब गिरिडीह के अनुसूचित जनजाति के युवा भी कर सकेगें सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम की पढ़ाई
पौने पांच करोड़ के लागत से भेलवाघाटी के नक्सल प्रभावित इलाके में भव्य आश्रम विद्यालय बनकर हुआ तैयार
प्रतियोगिता परीक्षा से पास होने वाले छात्रों का इस आश्रम विद्यालय में हो पाएगा चयन
जिले के इकलौता सीबीएसई हाॅस्टल आश्रम विद्यालय के शुरु होने में कुछ ही दिन
मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीहः
गिरिडीह के अलावे कई दुसरे जिलों के आदिवासी अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं भी अब सेन्ट्रल बोर्ड सैकेंडरी एग्जामिनेशन सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर सकेगें। आदिवासी कल्याण मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मंुडा के निर्देश पर करीब पौने पांच करोड़ के लागत से गिरिडीह के देवरी प्रखंड के भेलवाघाटी पुलिस पिकेट से चार किमी की दूरी पर भव्य आश्रम विद्यालय बन कर तैयार है। जिले का यह इकलौता आश्रम विद्यालय फिलहाल निर्माणाधीन है। लेकिन विद्यालय के शुरु होने के बाद गिरिडीह समेत आसपास के जिलों के अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं भी इस स्कूल से सीबीएसई की पढ़ाई कर सकेगें। प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो कक्षा छह से 10 की पढ़ाई इस आश्रम विद्यालय में कराया जाएगा। फिलहाल 40 छात्रों के साथ इस विद्यालय की शुरुआत होगी। जबकि विद्यालय में दौ सौ से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर सकेगें। 18 कमरों के इस विद्यालय में दो भव्य विद्यालय भवन तैयार किए गए है। हालांकि यह स्पस्ट नहीं है कि विद्यालय का संचालन किस स्तर पर होगा, लेकिन प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो आदिवासी कल्याण मंत्रालय विद्यालय का संचालन किसी एनजीओ के माध्यम से करा सकती है। यही नही गिरिडीह समेत दुसरे जिलों के छात्र-छात्राएं इसी आश्रम विद्यालय के हाॅस्टल में रहकर ही पढ़ाई करेगें। इसके लिए खास हाॅस्टल तैयार किया गया है। आदिवासी कल्याण मंत्रालय के इस आश्रम विद्यालय में अनुसूचित जनजाति के वैसे युवा ही पढ़ सकेगें। जिनका चयन प्रतियोगितमा परीक्षा में हो पाएगा। प्रतियोगिता परीक्षा में चयन होने के बाद छात्रों का प्रवेश इस आश्रम विद्यालय के लिए किया जाएगा।
पौने पांच करोड़ के लागत से निर्माणाधीन आश्रम विद्यालय भेलवाघाटी के अतिनक्सल प्रभावित इलाके में होने के कारण किसी भव्य और आलीशान बंगला से कम नहीं लगता। लेकिन अब इसी भव्य आश्रम विद्यालय से अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं सीबीएसई आधारित पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर अपने सपनों को पूरा करेगें। राज्य सरकार के भवन निर्माण निगम लिमिटेड ने आदिवासी कल्याण मंत्रालय की राशि पौने पांच करोड़ के लागत से भेलवाघाटी के अतिनक्सल प्रभावित इलाके में इस आश्रम विद्यालय का निर्माण कराया। टेंडर के बाद काम करने का जिम्मा मेसर्स निरंजन राय कंस्ट्रक्शन ने लिया। लिहाजा, अगले कुछ दिनों के के भीतर भवन निर्माण निगम लिमिटेड अब इस भव्य विद्यालय को राज्य कल्याण मंत्रालय को हैंडओवर करेंगी। क्योंकि विद्यालय के चहारदीवारी का काम फिलहाल पूरा नहीं हुआ है। निर्माण निगम लिमिटेड ने एजेंसी को समय पर कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है।
बहरहाल, आश्रम विद्यालय का दोनों भवन करीब-करीब तैयार हो चुका है। अब कल्याण मंत्रालय को इंतजार है कि आदिवासी कल्याण मंत्रालय द्वारा विद्यालय को चालू करने की स्वीकृति मिलने का। स्वीकृति मिलते ही विद्यालय में पढ़ाई शुरु कर दिया जाएगा। बस परेशानी इस बात को लेकर है कि आश्रम विद्यालय भेलवाघाटी के अतिनक्सल प्रभावित इलाके में है। जिसे चंद किमी की दूरी पर बिहार के जमुई जिला के सीमावर्ती गांव शुरु हो जाते है। हालांकि भेलवाघाटी के जिस स्थान पर इस विद्यालय का निर्माण किया गया है। उसे कुछ डेढ़ किमी की दूरी पर गिरिडीह सीआरपीएफ कैंप भी संचालित है।