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झारखण्ड हाई कोर्ट ने राज्य नियोजन नीति को किया निरस्त

18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया हुई रद्द

रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने नियोजन नीति मामले बड़ा फैसला सुनाते हुए झारखंड सरकार द्वारा बनाए व लागू किए गए नियोजन नीति को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही न्यायालन ने 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी रद्द कर दिया है। नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कुछ दिन पूर्व ही न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत में कहा था कि नियोजन नीति को झारखंड की कई परिस्थितियों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

नियोजन नीति के खिलाफ प्रार्थी ने दायर की थी याचिका

वहीं प्रार्थी सोनी कुमारी व अन्य ने राज्य की स्थानीय नीति को लेकर झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर नियोजन नीति को चुनौती दी थी। जिसकी सुनवाई करते हुए पूर्ण पीठ शामिल न्यायमूर्ति हरीश चंद्र मिश्रा, न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति दीपक रोशन ने 11 जिलों से स्थगन हटा दिया था। अदालत के फैसले पर ही इनका भविष्य टिका हुआ था। राज्य के अनुसूचित 13 जिलों के सभी पद स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। पूर्व में सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान पूर्ण पीठ ने विज्ञापन संख्या 21 के कुछ खंड को अनुसूचित जिले के लिए नए सिरे से विज्ञापन प्रकाशित करने का निर्देश दिया। राज्य के अनुसूचित जिलों में पहले से की गई नियुक्तियों को भी रद्द कर दिया गया है।

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