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भारत बनायेगा कुछ ऐसे हथियार जिससे ख्वाब बनेंगे हकीकत

फैंटेसी मूवी के हथियारों की तरह स्मार्ट होंगे ख्वाब को हकीकत बनाने वाले वेपंस

नई दिल्ली। दुश्मन देशों के खिलाफ भारत ने ऐसे घातक हथियार बनाने की तैयारी की है जिस्से ख्वाब हकीकत बन जाएगा। इसके लिए डीआरडीओ यानी डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन बहुत जल्द डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस के लिए एक नेशनल प्रोग्राम चलायेगा। ऐसे हथियारों की पूरी दुनिया में पूछ बढ़ रही है, जिससे बिना आमना-सामना हुए युद्ध लड़े जा सकें। ये हथियार वैसे ही होंगे जैसे फैंटेसी मूवी सीरीज ‘स्टार वार्स’ में दिखाए गए हैं।

डीआरडीओ के इस नेशनल प्लान में कोशिश होगी कि घरेलू इंडस्ट्री के साथ मिलकर 100 किलोवाट क्षमता तक के डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस डेवलप किए जा सकें। प्लान में शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए लक्ष्य तय किए जाएंगे। डीआरडीओ पहले से ही कई डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। इसमें केमिकनल ऑक्सिजन आयोडीन से लेकर हाई पावर फाइबर लेसर तक शामिल हैं।

एक पार्टिकल बीम वेपन ‘काली’ पर भी डीआरडीओ काम कर रहा है। हालांकि इनमें से कोई भी ऑपरेशनल होने के करीब नहीं है। मालूम हो कि परंपरागत हथियारों में काइनेटिक-केमिकल एनर्जी का इस्तेमाल होता है। मिसाइलों व अन्य प्रक्षेपास्त्रों की मदद से टारगेट को उड़ाया जाता है। डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस में टारगेट पर इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक एनर्जी या सबएटॉमिक पार्टिकल्स की बौछार की जाती है। इनके दो मेजर सब-सिस्टम होते हैं- लेसर सोर्स और पार्टिकल बीम कंट्रोल सिस्टम।

पावर की बात करें तो एक मिसाइल को उड़ाने के लिए किसी लेसर वेपन को 500 किलोवॉट की बीम की जरूरत पड़ेगी। अगले दशक के लिए डीआरडीओ का रोडमैप कहता है कि फेज 1 में सेना और वायुसेना को कम से कम 20 टैक्टिकल हाई एनर्जी लेसर सिस्टम्स की जरूरत होगी। इस चरण में डेवलप हथियारों की रेंज 6 से 8 किलोमीटर होगी। फेज 2 में ऐसे लेसर सिस्टम तैयार किए जाएंगे जिनकी रेंज 20 किलोमीटर से ज्यादा है। सेना को 20 हाई पावर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेपन सिस्टम की भी जरूरत है, जिनकी फेज 1 में रेंज 6 से 8 किलोमीटर और फेज 2 में रेंज 15 किलोमीटर से ज्यादा होगी।

अबतक डीआरडीओ ने दो ऐंटी-ड्रोन डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस सिस्टम बनाए हैं, जिनका बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा। इनमें से एक ट्रेलर माउंटेड डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस है जो 10 किलोवाट के लेसर से हवा में 1 किलोमीटर की रेंज में टारगेट को उड़ा सकता है। दूसरा काम्पैक्ट ट्राइपॉड-माउंटेड है जो 1 किलोमीटर रेंज के लिए 2 किलोवाट लेसर यूज करता है। यह सिस्टम सेनाओं, इंटेलिजेंस एजेंसियों और पुलिस फोर्सज के सामने रखे जा चुके हैं। इनकी मदद से माइक्रो ड्रोन्स को जैम करने के अलावा उनके इलेक्ट्रॉनिक्स को भी डैमेज किया जा सकता है। हालांकि स्वदेशी डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस सिस्टम अभी बाकी देशों के मुकाबले शुरुआती स्तर में ही हैं। अमेरिका, रूस, चीन, जर्मनी और इजरायल के पास काफी शक्तिशाली डायरेक्टेड एनर्जी वेपंस हैं।

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