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विधायक दल के नेता झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल को बताया काला कानून

बिल का माॅनसून सत्र में होगा विरोध : बाबूलाल

रांची। मानसून सत्र में हेमंत सरकार के द्वारा लाई जा रही झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल आसानी से पारित नही हो पायेगा। रविवार की शाम को प्रदेश कार्यालय में हुई प्रेस वार्ता में पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल को काला कानून बताते हुए कहा कि यदि हेमंत सरकार इसे वापस नहीं लेती है, तो मानसून सत्र के दौरान सदन में इसका विरोध किया जाएगा।

भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने वाला है बिल

उन्होंने ने आरोप लगाया कि भू-माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए कैबिनेट ने इसे पास किया है। अगर यह बिल कानून बन गया, तो झारखंड के गरीब अपनी जमीन से हाथ धो बैठेंगे। अधिकारियों से मिलकर जमीन दलाल गरीबों की जमीन बेच देंगे। कहा कि गैर-मजरुआ जमीन की तो लूट हो ही चुकी है, अब सरकारी जमीन की भी बंदरबांट करने की साजिश की जा रही है। इस दौरान उन्होंने सवाल किला कि जब रघुवर सरकार ने इस प्रस्ताव को दो बार कैबिनेट से वापस किया, तो फिर हेमंत सरकार को इसमें इतनी दिलचस्पी क्यों है?

आदिवासियों की जमीन छीनने की हो रही है साजिश: धान

प्रेसवार्ता के दौरान उपस्थित पूर्व मंत्री सह भाजपा नेता देवकुमार धान ने कहा कि झारखंड लैंड म्यूटेशन एक्ट 2020 बिल राज्य के आदिवासियों एवं मूलवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने की एक साजिश है। यह बिल लाकर हेमंत सरकार जमीन की लूट के लिए खुली छूट देने की साजिश रच रही है। बिल को हेमंत सरकार ने कैबिनेट में पास करके अपना असली चेहरा झारखंड की जनता के सामने ला दिया है।

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