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बढ़ा भूमाफियाओं का वर्चस्व, अब गिरिडीह डीसी के जांच की फ्रिक नहीं करते रजिस्ट्रार

सीओ द्वारा रोक लगाएं जाने के बाद भी प्लॉट की रजिस्ट्री होने पर महिलाओं ने किया हंगामा

गिरिडीहः
गिरिडीह रजिस्ट्री कार्यालय में भूमाफियाओं का वर्चस्व इतना बढ़ा है कि अब रजिस्ट्रार सहदेव मेहरा डीसी के निर्देश का उलघंन कर फर्जी दस्तावेज पर रजिस्ट्री कर रहे है। मंगलवार की शाम एक नया मामला सामने आया। जिसमें शहर के शिवमुहल्ला निवासी प्रभात कुमार ने डीसी को आवेदन सौंप कर पूरे मामले की जानकारी दिया। डीसी को सौंपे गए आवेदन में भुक्तभोगी प्रभात ने कहा कि उनके रिश्तेदार रामकुमार राम, भरत राम और शिवकुमार राम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनके पुश्तैनी जमीन को रजिस्ट्री करा लिया है। जबकि सदर अचंल के सीओ ने इस जमीन से जुड़े एलपीसी को पहले ही रद्द करते हुए रजिस्ट्रार को जमीन रजिस्ट्री नहीं करने की अपील किया। इसके बाद भी रजिस्ट्रार ने जमीन को रजिस्ट्री कर दिया। भुक्तभोगियों की बात सुनने के बाद डीसी ने मामले की जांच का निर्देश तो दिया। लेकिन रजिस्ट्रार सहदेव मेहरा जमीन को रजिस्ट्री कर चुके थे। लिहाजा, इसकी जानकारी जब प्रभात गुप्ता को मिला, तो भुक्तभोगी प्रभात के साथ उनके घर की महिलाएं भी रजिस्ट्री कार्यालय पहुंच गई। जहां महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। लेकिन रजिस्ट्रार किसी की बात सुनने को तैयार नहीं थे।


मामला बढ़ने की जानकारी जब कई पत्रकारों को मिला, तो कई पत्रकार भी वहां पहुंचे। मामले में जानकारी लेने पर रजिस्ट्रार ने कैमरे के सामने कहा कि जिस प्लॉट को लेकर चर्चा हो रहा है उसके लिए डीसी के किसी निर्देश की जरुरत उन्हें नहीं है। क्योंकि जिस प्लॉट का रजिस्ट्री हुआ है उसका प्लॉट के दस्तावेज में रजिस्ट्रार टू की कॉपी और खतियान पहले से लगा हुआ था। लिहाजा, अब रजिस्ट्री रद्द कराने के लिए सिविल कोर्ट ही जाना उचित होगा। इस दौरान रजिस्ट्रार से जब पूछा गया कि सीओ ने एलपीसी रद्द कर दिया है। और डीसी ने मामले में जांच के बाद कोई कार्रवाई का निर्देश दिया है। लेकिन रजिस्ट्रार ने डीसी के जांच को भी गलत ठहरा दिया।

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