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विधानसभा के विशेष सत्र में जनगणना जाति आधारित करने का प्रस्ताव पारित करें सरकार

11 नवंबर को होना है झारखंड सरकार का विशेष सत्र

रांची। आगामी 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित हो रहा है। इस एक दिवसीय झारखंड विधान सभा विशेष सत्र में आनेवाली 2021 की जनगणना जाति आधारित करने का प्रस्ताव पारित किया जाये। उक्त बातें ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की मांग राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा राज्य के सभी दलों के अध्यक्षों, राज्य के सभी माननीय विधायकों से करती रही है। कहा कि अंग्रेज सरकार द्वारा 1872 से लेकर 1931 ई. तक देश में जाति आधारित जनगणना की गई थी। वर्तमान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, महिला, पुरुष आदि की जनगणना होती है। परंतु इस देश के 52 प्रतिशत आबादी वाले ओबीसी समुदाय की जातिवार गिनती नहीं होने से समाज के पिछड़ापण की जानकारी सरकार के पास नही है। इसलिये ओबीसी वर्ग के विकास के लिये सरकार कोई योजना नही कर रही है। ओबीसी समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए उनका डाटा होना जरूरी है।

एनडीए सरकार ने 2021 जाति आधारित जनगणना कराने की की थी घोषणा

कहा कि 2011 में यूपीए सरकार ने सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना कराई थी। जिसे एनडीए सरकार ने त्रुटि पूर्ण बताकर अगले 2021 में जाति आधारित जनगणना करने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक वैसी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो रही है। देश में जाति आधारित जनगणना करने के लिए कई राज्यों ने अपने विधानसभा से प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा है। जिनमें महाराष्ट्र और बिहार सरकार का नाम शामिल है। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा झारखंड विधानसभा के विधायकों से मांग करती है कि झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में जाति आधारित जनगणना करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजें। जिसके लिए राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा और समस्त ओबीसी समुदाय आभारी रहेगा।

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