जमीन विवाद में हुए हत्या के आरोप में गिरिडीह के पीडीजे कोर्ट ने महिला को सुनाया आजीवन कारावास, तो पति और बेटे को 10-10 की सजा
गिरिडीहः
तीन साल पहले जमीन विवाद को लेकर हुए एक दिव्यांग युवक की हत्या मामले में गिरिडीह कोर्ट ने एक महिला समेत तीन आरोपियों को सजा सुनाया है। गिरिडीह के प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश मनोज कुमार प्रसाद के कोर्ट ने गुरुवार को अपर लोक अभियोजक सुधीर कुमार और बचाव पक्ष के अधिवक्ता दुर्गा प्रसाद पांडेय के बहस के बाद तीनों को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास और 10 साल की सजा सुनाया है। प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश मनोज प्रसाद के कोर्ट ने जिन तीन आरोपियों को सजा सुनाया। उसमें जिले के धनवार थाना इलाके के नायकडीह गांव निवासी जयदेव यादव की पत्नी राजेन्द्री देवी को जहां हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ इसी धारा में 50 हजार का जुर्माना भी लगाया। वहीं जुर्माना नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त सजा सुनाया है। जबकि राजेन्द्री देवी के पति जयदेव यादव और उसके बेटे संकेत यादव को धारा 326 में 10 की सजा सुनाने के साथ 10 हजार का जुर्माना लगाया है तो धारा 338 में 1 साल की सजा सुनाया है। प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश ने एक दिव्यांग की हत्या मामले में तीनों कड़ी टिप्पणी भी किया। बताते चले कि कुछ दिनों पहले ही धनवार के नायकडीह में हुए हत्या के इस मामले मंे तीनांे आरोपियों पर आरोप गठित किया गया था। वहीं गुरुवार को वीडियो क्रांफेसिंग के जरिए तीनांे को सजा सुनाया गया। जानकारी के अनुसार नायकडीह गांव में तीन साल पहले 27 नवंबर 2021 को दोपहर करीब तीन बजे दिव्यांग पिंटू यादव की हत्या तीनों समेत इनके और संबधियों ने सिर्फ जमीन विवााद को लेकर दिया था। राजेन्द्री देवी, जयदेव यादव और संकेत यादव समेत अन्य आरोपियों ने धारदार हथियार से पिंटू यादव के सिर पर जानलेवा वार किया था। जिसे मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद मृतक पिंटू यादव के भाई दिनेश यादव ने धनवार थाना में हत्या का केस दर्ज कराया था।