अगर आप भी पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, तो हो जाएं सावधान
मध्य प्रदेश। कोरोना काल में हर किसी का रोजगार लगभग छीन सा गया है। लोगों के रोजगार छीन जाने से उनके समक्ष कई विकट परिस्थितियां उत्पन्न हो गई हैं। सामान्य तबके के लोग अपने रोजगार को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रयत्न कर रहे हैं। रोजगार को बढ़ाने के लिए लोग बैंकों की ओर लोने के लिए टकटकी लगाए रहते हैं। लेकिन बैंकों की इन पेचिदा मापदंडों को पूरा नहीं कर पाने की वजह से इन्हें लोन की प्राप्ति नहीं हो पाती है। ऐसे में जरूरतमंदों की मजबूरियों को समझ कर ठग इनसे विविध प्रकार से पैसे ठगने की जुगत में रहते हैं।
10 हजार लोगों को 10 करोड़ का लगाया चूना
ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के भोपाल से सामने आया है। यहां बाकायदा ठगों के एक गिरोह ने पर्सनल लोन के नाम पर करीब 10 हजार लोगों को 10 करोड़ का चूना लगाया। वो भी बाकायदा एक कंपनी खोलकर। जी हां, भोपाल के एक सख्स की शिकायत पर जब भोपाल साईबर क्राइम की टीम ने जांच शुरू की तो उन्हें इस गिरोह का पता चला। पर्सनल लोन देने के नाम पर 10 हजार लोगों से करीब 10 करोड़ का फ्रॉड करने वाले एक गिरोह का मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह के मास्टर माइंड सहित 3 लोग यूपी के नोएडा से पकड़े गए हैं।
प्रेमिका और बहन के साथ मिलकर करता था ठगी का धंधा
दरअसल, पद्मेश सिंह नामक सख्स ने सायबर क्राइम ब्रांच को शिकायत की थी कि उसने www.Swiftfinance-in से पर्सनल लोन लेने की प्रक्रिया पूरी की लेकिन उसके साथ धोखाधड़ी की गई। सायबर क्राइम ने जब इसकी जांच शुरू की तो उन्हें एक ऐसे गिरोह का पता चला जो फर्जी वेबसाइट के सहारे पर्सनल लोन देने की बात कर रहे थे। बताया गया कि गिरोह का सरगना महज 21 वर्ष के डेविड कुमार जाटव ने अपनी प्रेमिका नेहा भट्ट के साथ मिलकर यह गोरखधंधा शुरू किया।
खुद बनाता था बेवसाइट, ठगी के बाद कर देता था बंद
उसने इसके लिए एक कंपनी भी खोल रखी थी जिसके माध्यम से लोगों से ठगी किया करता था। डेविड ने कंपनी के 12 वेबसाइट के माध्यम से यह ठगी की थी। ठगी के बाद वह बेवसाइट को बंद कर दिया करता था। बताया गया कि बेवसाइट भी वह खुद ही बनाया करता था। उसने ग्राहकों से बात करने के लिए एक कॉल सेंटर भी खोल रखा था, जिसमें 10 से 15 हजार की सैलरी पर लगभगं 50 युवतियों को रखा हुआ था। वहीं काॅल सेंटर का काम डेविड की बहन मनीषा भट्ट देखा करती थी।