दीनदयाल के विचारों को ग्रामीण क्षेत्रों में पहले वाजपेई ने शुरु किया, अब मोदी सरकार पूरा कर रही हैः बाबूलाल मंराडी
गिरिडीह भाजपा ने मनाया पंडित दीनदयाल की पुण्यतिथि
गिरिडीहः
जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि गुरुवार को पचंबा के हरिचक स्थित भाजपा के गिरिडीह जिला कार्यालय में मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मंराडी, जिलाध्यक्ष महादेव दुबे, पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी, नागेन्द्र महतो, जमुआ विधायक केदार हाजरा ने संयुक्त रुप से दीप जलाकर और पंडित दीनदयाल की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं के बीच विधायक दल के नेता मंराडी ने कहा कि विषम परिस्थितियों में जनसंघ की जड़े मजबूत कर पंडित दीनदयाल ने भाजपा कार्यकर्ताओं को चुनौतियों से लड़ने का एक राह दिखाया। क्योंकि पंडित दीनदयाल जनसंघ के अध्यक्ष थे, तो स्वयं सेवक संघ के लिए चिंतक माने जाते थे। एकात्म मानववाद के परिकल्पना को दीनदयाल ने पूरा किया था। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के विकास की जो रुपरेखा पंडित दीनदयाल ने खींचा था। उसे दिवगंत पीएम वाजपेई ने शुरु किया। तो अब मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर शौचालय और आवास पहुंचाकर पूरा कर रही है। जनसंघ जब भाजपा में बदला, तो जनसंघ के विचारों को हर भाजपाई तक पहुंचाना चुनौतीपूर्ण था। जिसे पंडित दीनदयाल के बताएं रास्तों पर चलकर एक-एक भाजपा वर्कर पूरा करने के प्रयास में है। ग्रामीण क्षेत्र में सड़कों के निर्माण शुरु किया।
इस बीच कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक शाहाबादी ने कहा कि पंडित दीनदयाल की पुण्यतिथि मनाना भी एक-एक भाजपा वर्करों के लिए गर्व का विषय है। उनके विचारों ने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को संयमित, अनुशासित किया है। इस दौरान कार्यक्रम को जमुआ विधायक केदार हाजरा, पार्टी के प्रर्देश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा, प्रर्देश कार्यसमिति सदस्य सुरेश साव, पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार, किसान मोर्चा के संयोजक दिलीप वर्मा, उपमहापौर प्रकाश सेठ समेत कई ने संबोधित किया। जबकि कार्यक्रम में पूर्व महापौर सुनील पासवान, नुनूलाल मंराडी, अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रर्देश मंत्री एजाज अहमद सोनू, सुभाष चन्द्र सिन्हा, शालिनी वैश्खियार, यदुनंदन पाठक, श्याम प्रसाद, नवीन सिन्हा, रागिनी लहरी, नवनीत सिंह, संजीत सिंह पप्पू, सदानंद वर्मा, दीपक स्वर्णकार, संगीता सेठ, प्रकाश दास समेत कई मौजूद थे।