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हाथरस जा रहे तृणमूल कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बाॅर्डर पर रोका

नई दिल्ली/कोलकाता। उप्र के हाथरस में दलित लड़की की मौत पर राजनीति चरम पर है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेताओं का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा था, जिन्हें पुलिस ने हाथरस के बॉर्डर पर रोक दिया। इस दौरान पुलिस और टीएमसी नेताओं में जमकर बहस हुई। मामले की गंभीरता के मद्देनजर पुलिस ने बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। साथ ही राजनीतिक पार्टी से जुड़े नेताओं का प्रवेश रोक दिया है।

इससे पहले टीएमसी अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि हाथरस में दलित युवती के साथ जो बर्बरता हुई है, उसकी निंदा करने के लिए उनकेे पास कोई शब्द नहीं हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की। सीएम ममता ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि इससे भी ज्यादा शर्मनाक है कि बिना पीड़ित के परिजनों की अनुमति के उनकी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। ये वोट के लिए वादे और नारे बुलंद करने वालों को बेनकाब करता है।

मालूम हो कि 14 सिंतबर को हाथरस के एक गांव में चार दबंगों ने दलित युवती के साथ पहले गैंगरेप किया, फिर उसकी जीभ काट दी। इसके बाद उन्होंने उसे बेरहमी से मारा। पीड़ित के परिजन उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लेकर गए थे, जहां मंगलवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पीड़ित लड़की के परिजनों का आरोप है कि बिना उनकी इजाजत के पुलिस-प्रशासन ने रात में उनकी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके साथ ही उन्हें उसका चेहरा भी नहीं देखने दिया।

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