चाइल्ड लाइन टीम ने चार बच्चियों को छुड़ाकर किया परिजन के हवाले
- दिल्ली की कोठी में चारो बच्चियां करती थी काम
गिरिडीह। तिसरी-प्रखंड अंतर्गत खीजूरी पंचायत के डोमासार व चपचपवा गांव के 4 नाबालिक आदिवासी बच्चियों को दलाल के चंगुल से एक महीना बाद सबेरा फाउंडेशन के चाइल्ड लाइन टीम ने छुड़ा कर माता पिता के सुपुर्द की गई। जिससे माता पिता में भारी हर्ष ब्याप्त है। दिल्ली के कोठी में चारो बच्चियां काम करती थी। कई माह से अपने बेटी से माता पिता से बात नही होने पर व्याकुल थे। जिसके बाद बेटी को सकुशल वापसी के लिये 1098 में शिकायत दर्ज की गई।
बता दे कि चपचापवा गांव के अनिता मरांडी के पिता मुंशी मरांडी के शिकायत पर चाइल्ड लाइन टीम के अमर पाठक, जयराम प्रसाद, गुंजा देवी ने चारों नाबालिक बच्चियों को छुड़ाने के लिये कथित दलाल हूरो पर दबाब बनाया तो अनिता मरांडी का नंबर मिला। जिसके बाद अनिता से बात हुई तो बताया गया कि दिल्ली में एक कोठी में झाड़ू पोछा, खाना बनाने के साथ अन्य काम कराया जाता है। साथ ही वो पता बताने में भी असमर्थ थी। मुझे फ्रीडम महसूस नही होती है मुझे यहाँ नही रहना है। जिसके बाद दलाल हूरो पर दबाब बनाने पर पंद्रह दिन बाद दिल्ली से चारांे लड़कियां अनीता मरांडी 16 वर्ष, मेरी बास्की के पिता रति बास्की उम्र 16 वर्ष, तालको बास्की पिता सोनू बास्की 15 वर्ष, मोनिका मुर्मू पिता गुरु मुर्मू 17 वर्ष को घर भेजा गया। जिसके बाद चाइल्ड लाइन टीम ने चारो को सीडब्लूसी में सुपुर्द कर अभिभावक को सौप दी गई।