बाईक चोर गिरोह को मिल रहा है राजनीतिक आकाओं का संरक्षण
- गिरिडीह समेत कई दुसरे जिलों की पुलिस के पकड़ से दूर है बाइक चोर गिरोह
- दो साल पहले पूर्व डीएसपी पी. के मिश्रा ने किया था मधुपूर और जामताड़ा से गिरोह के आधा दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार
गिरिडीह। शहर समेत पूरे जिले में बाईक चोर गिरोह एक बार फिर सक्रिय हो गये है। यही नही गिरिडीह के पड़ौसी जिला धनबाद में भी रह-रह कर बाईक चोरी की घटना होने की जानकारी मिल रही है। जिले में अब तक कितने बाईकों की चोरी हुई है। इसका आंकड़ा फिलहाल पुलिस ने अपटूडेट नहीं किया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर बाईकों की चोरी कर कौन रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो दो साल पहले साल 2018 में पूर्व डीएसपी पी. के मिश्रा ने नगर थाना पुलिस के सहयोग से जामताड़ा और मधुपूर से बाईक चोर गिरोह के आधा दर्जन अपराधियों को दबोचने में सफलता पाई थी। इस गिरोह के पास से पुलिस ने दर्जन भर बाईक को भी बरामद किया था।
एक अपराधी अब भी मधुपूर जेल में, अधिकांश अपराधियों मिल चुका है जमानत
नगर थाना पुलिस ने मधुपूर और जामताड़ा से बाईक चोर गिरोह के जिन अपराधियों को दबोचा था। उसमें सद्दाम असंारी, लोधा मियां, रफीक मियां, मो. शाहजहां, मुख्तार अंसारी, नस्रुल्लाह शामिल थे। इसमें सद्दाम अंसारी अब भी मधुपूर जेल में बंद है। वहीं अधिकांश अपराधियों के गिरिडीह जेल से जमानत पर छुटने की बात कही जा रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो सद्दाम अंसारी को कुछ महीनें पहले कोरोना के कारण गिरिडीह जेल से मधुपूर जेल में शिफ्ट किया गया था। सूत्रों की मानें तो गिरिडीह समेत दुसरे जिलें की पुलिस भी फिलहाल यही मानकर चल रही है कि जमानत पर छूटे इन अपराधियों ने ही एक बार फिर शहर के अलावे गिरिडीह और दुसरे पड़ौसी जिलों से बाईक टपाना शुरु कर दिया है। लेकिन गिरिडीह समेत पड़ौसी जिले की पुलिस इन अपराधियों को पकड़ भी नहीं पा रही है। क्योंकि बाईक चोर के इस गिरोह को फिलहाल जबरदस्त मिल रहा राजनीतिक संरक्षण बताया जा रहा है। क्योंकि गिरिडीह समेत दुसरे जिले की पुलिस हाल में इन अपराधियों को दबोचने गई। तो इनके राजनीतिक आकाओं ने पुलिस को बैंरग लौटने पर मजबूर कर दिया।
बाइक चोरी से लोग परेशान
बहरहाल, शहर और जिले से लगातार हो रहे बाईक चोरी की घटनाओं ने जहां वाहन मालिकों को परेशान कर रखा है। वहीं दुसरी तरफ पुलिस भी परेशान है। जानकारी के अनुसार दो साल पहले इन अपराधियों को जब पुलिस ने दबोचा था। तब यही बात सामने आई थी। कि गिरफ्तार सभी अपराधी आपस में रिश्तेदार है। यही नही पुलिस ने इन अपराधियों को दबोचने के बाद यह खुलासा भी किया था कि पूरे गिरोह का संचालन सद्दाम अंसारी ही करता था। हालांकि लोधा मियां और रफीक की भूमिका रैकी करना और चोरी के बाद रिसीवर के रुप में था।