पेट्रोलियम पद्धार्थो में जारी मूल्यवृद्धि के बीच गिरिडीह में मंहगाई का एक और झटका लगा, दूध और पनीर के दामों में भी वृद्धि
गिरिडीहः
पेट्रोलियम पद्धार्थो पिछले नो दिनों से जारी मूल्यवृद्धि के बीच गिरिडीह में लोगों को मंहगाई का झटका लगेगा। पशु पालन समिति ने गुरुवार से दूध के दामों में पांच रुपए और दूध से बनने वाले उत्पाद पनीर में 30 रुपए का इजाफा करने का फैसला बुधवार को किया। शहर के श्रम कल्याण केन्द्र में पशु पालन समिति के सदस्यों ने बैठक किया। तो बैठक में शहर समेत ग्रामीण क्षेत्र के कई पशु पालक शामिल हुए। इस दौरान समिति के अध्यक्ष निरंजन वर्मा के साथ गांेविद यादव, साहेब यादव, अशोक यादव, कृष्णा यादव, हन्नु दत्ता, संतू पांडेय भी मौजूद थे। पशु पालकों ने मूल्यवृद्धि करने का कारण बताते हुए कहा कि मवेशियों को खिलाने वाले चारा के दामों में बेतहाशा इजाफा हुआ है। तो पशु पालकों को दोहरी मार के रुप में मवेशियों को गिरिडीह लाने में उठाना पड़ रहा है। क्योंकि गौवंश से लेकर भैंस तक बिहार के नवादा समेत कई और दुसरे जिलों से आते है। इन मवेशियों को खरीद कर लाने के क्रम में ही गिरिडीह के पशु पालकों को जिले के थाना देवरी, गांवा, सतगांवा, जमुआ और मुफ्फसिल में एक गाड़ी पर सात सौ रुपए का भुगतान करना पड़ता है। वो भी सिर्फ गौवंश तस्कर के गलत आरोपों के कारण। क्योंकि इन थाना क्षेत्रों से होते हुए जब पशु पालक गिरिडीह अपने खटाल तक पहुंचते है। तो मवेशियों के सारे कागजात रहने के बाद भी पुलिस पैसे की वसूली करती है।

लिहाजा, पशु पालकों को दूध और पनीर के दामों में मूल्यवृद्धि करना बड़ा मजबूरी बन चुका है। क्योंकि एक गौवंश की कीमत 45 हजार है तो कई थानों में पैसे देने के बाद इसकी कीमत 50 हजार तक पहुंच जाता है। वैसे बैठक के दौरान पशु पालकों ने तय किया जिन इलाकों में गौवंश का दूध पहले 50 से 55 रुपए लीटर बिकता था। वहां अब पांच रुपए दाम बढ़ाए जाएगें। वहीं भैंस के दूध में भी पांच रुपए मूल्यवृद्धि करने की बात कही गई। जबकि मिठाई दुकानों में अब पनीर दो सौ बीस रुपए से लेकर ढाई सौ रुपए तक बेचनें की बात पशु पालकों द्वारा कहा गया। समिति की बैठक में यह भी कहा गया कि समिति का हर एक सदस्य ग्राहक को समझाएं कि गौवंश से लेकर चारा में मूल्यवृद्धि के कारण दूध और पनीर के दामों में बढ़ोतरी किया गया।