विहिप और बजरंग दल का गिरिडीह में प्रांत कार्यसमिति की बैठक, धर्म पर कुठाराघात पर पदाधिकारियों ने राजनीतिक दलों पर निकाला गुस्सा
गिरिडीहः
हिंदु संगठन अर्न्तराष्ट्रीष्य हिंदु परिषद और बजरंग दल का प्रांतीय कार्यसमिति के बैठक को शुक्रवार को गिरिडीह इकाई ने आयोजित किया। प्रांतीय कार्यसमिति की बैठक में केन्द्रीय महामंत्री रामजी तिवारी, बजरंग दल के प्रर्देश अध्यक्ष मुरारी मिश्रा, प्रर्देश मंत्री दिलीप वैद्य, हिंदु परिषद् के विभाग प्रमुख रविशंकर पांडेय ने दीप जलाकर और मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम समेत भारत माता के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किया। इस दौरान सामूहिक वंदे मातरम गान हुआ। तो प्रांत कार्यसमिति के बैठक में मौजूद दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंदु परिषद् के केन्द्रीय महामंत्री रामजी तिवारी ने कहा कि पूरे राज्य में दोनों संगठन ढाई हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को जोड़ने का लक्ष्य तय कर रखा है। इसके लिए संगठनों द्वारा सदस्यता अभियान भी शुरु कर दिया गया। केन्द्रीय महामंत्री तिवारी ने कहा कि सनातन धर्म और हिंदुओं पर कुठाराघात सेक्यूलर दलों ने अपने राजनीति का अहम हिस्सा बना लिया है। और सेक्यूलररिज्म की राजनीति के कारण ही कई राजनीतिक दल कभी रामचरित मानष ग्रंथ टिप्पणी करते है तो कभी सनातन संस्कृति पर। लेकिन इन दलों को अब सोचना होगा कि सनातन और हिंदु धर्म पर कुठाराघात सहन नहीं किया जा सकता। केन्द्री महामंत्री ने कहा कि इन राजनीतिक दलों के कुठाराघात का जवाब अब हिंदु समाज देने को तैयार हैै। क्योंकि देश का सनातनी धर्म जाग उठा है। और ऐसे राजनीतिक दलों को उनकी औकात बताना जानता है। इधर प्रांत कार्यसमिति के बैठक को लेकर बजरंग दल के प्रर्देश मंत्री दिलीप वैद्य ने कहा कि देश का कोई हिंदु अब खुद को कमजोर नहीं समझता। बल्कि, धर्म के दुश्मनो को मुंह तोड़ जवाब देना जानता है। लेकिन भारत और हर सनातनी संयमित है। और आपसी भाईचारे पर भरोषा रखता है। जिसे किसी सूरत में सनातनियों को कमजोर ना समझे। इधर प्रांत कार्यसमिति के बैठक में बजरंग दल के हजारीबाग अध्यक्ष गौरव कुमार अंशु, रितेश पांडेय, सीताराम हिंदु, डब्लू रवानी, कुंदन केसरी, दिवाकर साहु, बसंत सिंह, राहुल चन्द्रवंशी और रौनक मिश्रा समेत कई सदस्य मौजूद थे। प्रांत कार्यसमिति की बैठक में ही दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने मौजूद कार्यकर्ताआंे को घर और संगठन में अनुशासन के बीच रहने का सुझाव दिया।