ब्लैक फंगस से जंग जीत रुपेश लौटा घर, लोगों का जताया आभार
कोडरमा। कहते हैं जब दुख की घड़ी में लोगों का साथ और दुआएं मिलती है, तो मुश्किल से मुश्किल घड़ी भी पार किया जा सकता है। और इसी बात को चरितार्थ किया है ब्लैक फंगस के मरीज रूपेश कुमार गुप्ता ने। बताते चलें कि कोडरमा जिले में ब्लैक फंगस का पहला मामला 23 मई को सामने आया था। झुमरीतिलैया के बाईपास रोड निवासी डायबिटीज के मरीज रूपेश कुमार गुप्ता कोरोना के बाद ब्लैक फंगस का शिकार हो गया था। बिमारी का पता चलते ही उसे रांची के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 15 दिनों के इलाज के बाद ब्लैक फंगस को मात देते हुए वह सोमवार को अपने घर आ गया। रविवार को ही उसे रांची के निजी क्लीनिक से छुट्टी दे दी गई थी। उसके घर पहुंचते ही सगे संबंधी एवं मित्रगण उससे मिलने उसके घर पहुंचे और उसे गुलदस्ता देकर स्वागत किया।
मदद करने वालों का जताया आभार
गौरतलब है कि रूपेश कुमार गुप्ता विगत 30 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हो गया था। जिसके बाद पहले 5 दिनों तक उसका इलाज शहर के प्राइवेट क्लीनिक में चला बाद में सरकारी स्तर पर संचालित किए जा रहे कोविड अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया था। जहां 10 मई को उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। पेशे से कैटरिंग का काम करने वाले रूपेश कुमार ने कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद बाएं आंख में सूजन एवं जबड़े में दर्द होने की परेशानी को लेकर झुमरीतिलैया शहर के एक प्राइवेट क्लीनिक में चिकित्सकीय परामर्श लिया था। जहां चिकित्सक ने उन्हें 5 दिनों की दवा देकर सूजन में कमी नहीं आने पर रांची जाकर इलाज कराने की सलाह दी थी। सूजन और दर्द की परेशानी बढ़ने पर 19 मई को उन्हें रांची स्थित एक प्राइवेट नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। जहां 5 दिनों तक सामान्य रूप से इलाज चलने के बाद भी जब सूजन और दर्द में कोई कमी नहीं आई तब चिकित्सकों के द्वारा उनके बाएं आंख एवं जबड़े का सिटी स्कैन कराए जाने पर 23 मई को ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसके आंख का ऑपरेशन की सलाह दी। जिसके बाद रांची में चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर मरीज को खतरे से बचा लिया था। हालांकि इस दौरान इलाज के खर्च से पीड़ित के परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। जिस पर कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी, जिला परिषद प्रधान शालिनी गुप्ता, रोटरी क्लब कोडरमा, जैन समाज झुमरी तिलैया समेत अन्य कई स्वयंसेवी संगठन के अलावे कई लोगों ने निजी तौर पर भी आर्थिक सहयोग किया था। ब्लैक फंगस से मौत की जंग जीतकर वापस अपने घर लौटने पर रूपेश कुमार ने विपरीत परिस्थिति में सहयोग करने वाले सभी लोगों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया है। साथ ही लोगों को कोरोना के लक्षण दिखने पर प्राथमिक जांच कराने एवं हमेशा मास्क का उपयोग करने और सोशल डिस्टेंस का पालन करने की अपील की है।