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जैन तीर्थस्थल मधुबन को पर्यटनस्थल के रुप में विकसित करने का ब्लू प्रिंट लिए गिरिडीह पहुंचे पर्यटन सचिव

  • जिले के वॉटरफाल, खंडौली सहित अन्य पर्यटन स्थल का भी होगा सोंदर्यकरण
  • मधुबन और पारसनाथ पहाड़ में खुलेगा रेस्टूरेंट, बनेगें गेस्टहॉउस

गिरिडीह। जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल गिरिडीह के सम्मेद शिखर मधुबन को संवारने का ब्लू प्रिंट राज्य सरकार ने तैयार कर लिया है। गुरुवार को ब्लू प्रिंट लेकर खुद राज्य के खेल-कूद और पर्यटन सचिव डा. अमिताभ कौशल हेलीकॉप्टर से गिरिडीह पहुंचे। सचिव के साथ पर्यटन विकास निगम की निदेशक आर. रौनिटा भी मौजूद थी। इस दौरान बोड़ो स्थित हवाई अड्डा में सचिव और निदेशक स्वागत डीसी राहुल सिन्हा और एसपी अमित रेणु के साथ सदर एसडीएम विशालदीप खलखो ने बुके देकर किया।
शहर के परिसदन भवन में कुछ देर बाद सचिव के साथ सारे अधिकारी हेलीकॉप्टर से सम्मेदशिखर मधुबन स्थित पारसनाथ पहाड़ की और टेकऑफ किया। लेकिन अधिकारियों को लेकर राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर खराब मौसम के कारण लैंड नहीं कर पाया। क्योंकि उंचे पहाड़ में घने बादल थे, तो पायलट को सीआरपीएफ द्वारा बनाएं गए सीआरपीएफ कैंप का स्थायी हैलीपेड नजर नहीं आया। लिहाजा, सचिव ने पायलट को पूरे पारसनाथ पहाड़ का एरियल व्यू का निर्देश दिया। तो पायलट ने भी हेलीकॉप्टर से पूरे पहाड़ का एरियल व्यू किया। करीब 20 मिनट के एरियल व्यू के बाद सचिव डा. कौशल और निदेशक ने डीसी को कई निर्देश देते हुए कहा कि हर हाल में मधुबन और पारसनाथ पहाड़ को पर्यटन के रुप में विकसित करना है।


बताया कि सैलानियों और यात्रियों के लिए मधुबन और पहाड़ में अलग-अलग स्थानों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने के साथ यात्री शेड का निर्माण कराना है। साथ ही पेयजल की व्यवस्था करने और मधुबन में वाहन पड़ाव के निर्माण कराने की बात कहा। तो पहाड़ में परिक्रमा पथ के निर्माण और गेस्टहाउस के निर्माण कराने के योजना को स्वीकृति मिली। सचिव ने पहाड़ के मंदिरो तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों का निर्माण कराने का निर्देश दिया। साथ ही मधुबन से लेकर पहाड़ तक यात्रियों की सुविधा के लिए संकेत सूचक बनाने को कहा। सचिव ने कहा कि मधुबन व पहाड़ के इलाकों में रेस्टूरेंट व दुकानों के संचालन शुरु कराने का सुझाव दिया। जिससे रोजगार को बढ़ावा मिल सकें। सचिव द्वारा दिखाएं गए ब्लू प्रिंट के अनुसार परिक्रमा पथ शुरुआत के चार किमी से लेकर 24 किमी तक निर्माण होना है।


सचिव ने बताया कि एक करोड़ 69 लाख की राशि से ही जिला मुख्यालय के वॉटर फॉल में ही पर्यटन डेवलमेंट को लेकर कई निर्माण कार्य होने है। तो दुखिया महादेव मंदिर को भी विकसित करने की योजना है। जिसमें विवाह भवन का निर्माण होने से लेकर शौचालय और पेयजल की व्यवस्था किया जाना शामिल है। साथ ही दुखिया महादेव मंदिर में भी विद्युतीकरण के कार्य की शुरुआत किए जाने की बात सचिव द्वारा कहा गया। जबकि जिला मुख्यालय के दुसरे पर्यटनस्थल खंडौली में 30 कमरों के लॉज का निर्माण किया जाना और तिसरी के कोदईंबांक में 99 लाख 98 हजार की राशि से मिनी स्टेडियम के निर्माण कराने की बात कही।

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