काम के बोझ से सबसे अधिक दबे हैं कोलकाता के लोग
कोलकाता। काम के बोझ से कोलकाता के लोग सबसे अधिक दबे हुए हैं। लिहाजा, वे अपने परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं। देश के 13 शहरों के नागरिकों के मानसिक स्वास्थ्य पर एक संस्था की ओर से किए गए सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता के लोगों पर मानसिक दबाव लगातार बढ़ रहा है। कोलकाता के 65 फीसद लोग काम के दबाव की वजह से अपने परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं। जबकि पेशे की प्रकृति से 59 फीसद लोग अपने शौक पूरे नहीं कर पा रहे हैं।
कोलकाता के 62 फीसद लोगों को लगता है कि व्यस्तता के कारण उनके पार्टनर उन्हें समय नहीं दे पा रहे हैं या वे देना ही नहीं चाहते। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोलकाता के 66 फीसद लोग काम के दबाव के कारण अपने शरीर की न्यूनतम देखभाल भी नहीं कर पा रहे। जिम, फिटनेस सेंटर या योगासन केंद्र जाने के लिए समय निकालना भी उनके लिए मुश्किल हो रहा है। वहीं 43 फीसद लोग पेशागत व्यस्तता के कारण अपने बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे।
राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो करीब 56.5 फीसद लोगों का मानना है कि काम के दबाव के कारण वे अपने शौक पूरे करने में असमर्थ हैं। जबकि 72 फीसद लोगों का मानना है कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल बढ़ने के कारण उनके पार्टनर उन्हें कम समय दे रहे हैं।