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लूट का शिकार हुए रेल यात्री डुमरी के रेफरल अस्पताल से इलाज के क्रम में हुआ फरार, स्वास्थ कर्मियों का दिखा लारपावाही

गिरिडीहः
गिरिडीह स्वास्थ विभाग के स्वास्थ कर्मियों का एक और लापरवाही गुरुवार को सामने आया। स्वास्थ कर्मियों के लापरवाही का यह मामला डुमरी का है। जहां डुमरी के रेफरल अस्पताल में लूट का शिकार हुए जमशेदपुर के टाटा नगर निवासी रतन चतुर्वेदी को डुमरी थाना पुलिस ने भर्ती कराया था। लेकिन स्वास्थ कर्मियों के लापरवाही की हद देखे कि लूट का शिकार हुए रतन चतुर्वेदी कब डुमरी के रेफरल अस्पताल से भागे, इसकी भनक तक स्वास्थ कर्मियों को नहीं। जबकि रेफरल अस्पताल इतना बड़ा भी नही कि एक-दो कर्मी निगरानी नहीं कर सके। जबकि लूट का शिकार हुए रतन खुद स्लाईन खोल कर वहां से भागे। और जब तक रेफरल अस्पताल के स्वास्थ कर्मियों को इसकी जानकारी हो पाती। तब तक रतन स्वास्थ कर्मियों के नजरों से ओझल हो चुके थे। इधर घटना के वक्त रेफरल अस्पताल में ड्यूटी दे रहे जीतेन्द्र सिंह ने कहा कि जिस अवस्था में रतन को अस्पताल पहुंचाया गया था। वो बिल्कुल भी ठीक नहीं थे, और पूरी तरह से बेसुध थे। पूछने पर जीतेन्द्र सिंह ने यह भी कहा कि डुमरी पुलिस द्वारा पहुंचाने के बाद वो खुद रतन को स्लाईन लगाएं थे, और वार्ड में छोड़कर दुसरे मरीजों के इलाज में लग गए। लिहाजा, रतन अस्पताल से कब और क्यों गया, इसकी भनक तक उसे नहीं लगी।
जानकारी के अनुसार टाटा नगर निवासी रतन चतुर्वेदी बनारस कैंट स्टेशन से पुरुषोतम एक्सप्रेस से अपने घर टाटा नगर लौट रहे थे। इसी दौरान भुक्तभोगी रतन को बीच रास्ते में नशा खिलाकर लूटने वाले गिरोह के अपराधियों ने अपने उसी स्टाईल में लूट लिया। भुक्तभोगी रतन जब पारसनाथ रेलवे स्टेशन पहुंचे, तो उन्हें होश आया। इस दौरान रतन ने बोगी में मौजूद यात्रियों से सहयोग मांगते हुए पारसनाथ रेलवे स्टेशन के जीआरपी स्टेशन पहुंचे। जहां जीआरपी ने डुमरी थाना पुलिस को मामले की जानकारी देकर रतन को रेफरल अस्पताल पहुंचाया। लेकिन इलाज के क्रम में रतन अस्पताल से फरार हो गए।

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