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अंधविश्वास के कारण गई सर्पदंश की शिकार तीन बहनों की जान

  • अस्पताल ले जाने के बजाय रातभर परिजन कराते रहे झाड़फूंक
  • सुबह डाॅक्टर ने तीनों को किया मृत घोषित
  • परिजन झाड़फूंक के लिए तीनों बच्चियों के शव को ले गये ओडिशा

सिमडेगा। झारखंड में आज भी अंधविश्वास कायम है, जिसका खामियाजा लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है। जिले के ठेठईटांगर थाना क्षेत्र के ताराबोगा पंचायत के कंदाबेड़ा गौरी डूबा गांव में अंधविश्वास के चक्कर में तीन बहनों की मौत हो गई। तीनों बच्चियों को रविवार की रात जहरीले सांप ने काट लिया था। इसके बाद इनकी तबियत खराब होने लगी तो परिजन अस्पताल ना ले जाकर झाड़फूंक कराने लगे। पुलिस को सूचना मिली तो मौके पर पहुंची और परिजन को काफी समझाया तब जाकर सोमवार की सुबह तीनों बच्चियों को रेफरल अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। अस्पताल में डॉक्टर ने तीनों बच्चियों को मृत घोषित कर दिया। परिजन इसके बाद भी नहीं माने और तीनों का शव लेकर ओडिशा में किसी झाड़फूंक करने वाले के पास चले गए।

एक ही कमरे में जमीन पर सो रही थी तीनों बहन

बताया जाता है कि अंकिता लकड़ा (12), हर्षिता लकड़ा (10) व उनकी चचेरी बहन एडलिन एक्का (8) रविवार की रात को एक ही कमरे में जमीन पर सो रही थीं। इसी बीच रात में करीब 9 बजे तीनों को सांप ने काट लिया। काफी सुदूर गांव होने के कारण मोबाइल का नेटवर्क नहीं था। इसकी वजह से परिजन ने एंबुलेंस के लिए फोन लगाया पर बात नहीं हो सकी। इसके बाद तीनों बच्चियों को घर में ही रखकर झाड़फूंक शुरू करवाई गई। झाड़फूंक का यह क्रम सोमवार की सुबह तक चलता रहा। पुलिस को जब इस बात की सूचना मिली तो उन्होंने परिजनों को समझाकर बच्चियों को अस्पताल ले गये। जहां डाॅ. दिनेश ने तीनों बच्चियों को मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी सत्येंद्र कुमार सिंह ने परिवार वालों को काफी समझाया कि तीनों बच्चियांे की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके परिजन व ग्रामीण तीनों बच्चियों के शव को झाड़फुंक कराने के लिए ओडिशा के राज गांगपुर ले गए।

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