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सरकार और प्रशासन भूली तो किन्नरों को राहत देने के लिए गिरिडीह कोर्ट आया आगे, उपलब्ध कराया राशन

गिरिडीहः
महामारी कोरोना के कारण समाज के थर्ड जैंडर किन्नर समुदाय को भी खास परेशानियां उठाना पड़ा। हेंमत सरकार और स्थानीय प्रशासन का ध्यान भले ही इस समुदाय के लोगों पर नहीं गया। लेकिन मंगलवार को गिरिडीह न्यायलय की नजर किन्नर पर पड़ा। और प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा ने कोरोना प्रोटोकाॅल के बीच जिले की आठ किन्नरों के बीच सूखा राशन से भरे पैकेट वितरण की। इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संदीप बर्तम समेत कई न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे। किन्नरों के बीच राशन का राहत पैकेट वितरण करने के दौरान प्रधान जिला सत्र न्यायधीश वीणा मिश्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले एक साल से लगातार लाॅकडाउन हो रहा है। इस लाॅकडाउन ने किन्नर समुदाय के लोगों को काफी प्रभावित किया। ऐसे में जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने जिले की किन्नरों को राशन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। प्रधान जिला एंव सत्र न्यायधीश ने मौके पर जिले की अश्विनी आंबेडकर, श्वेता, गुड़िया, बिजली रानी और सोनी व ममता के बीच सूखे राशन का पैकेट वितरण की।


इधर जिला एंव सत्र न्यायधीश से राशन का पैकेट लेने के वक्त किन्नरों के आंख से आंसू छलक उठे। किन्नर समुदाय की हेड अश्विनी आंबेडकर ने कहा कि पिछले एक साल से किन्नर समुदाय काफी परेशान रहा है। क्योंकि किन्नरों को सिर्फ शुभ और मांगलिक कार्यक्रमों में बधाईयों के लिए बुलाया जाता है। खास तौर पर जब किसी घर पर नवजात बच्चों का जन्म होता है और गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्य होते है। लेकिन कोरोना संक्रमण ने समाज से किन्नरों को अलग कर दिया था। यही नही समाज भी किन्नरों को उस नजर नहीं देखता। ऐसे में किन्नर समुदाय को जो परेशानी उठाना पड़ रहा है। वह किन्नर ही जानती है।

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