गिरिडीह के रिकार्ड रुम में मोटी रकम चुकाएं बगैर आवेदक नहीं निकाल सकते पंजी-2 का नकल
मंगलवार को पहुंचे ग्रामीणों ने रकम मांगने पर किया हंगामा, दडांधिकारी ने संभाली स्थिति
गिरिडीहः
समाहरणालय स्थित गिरिडीह रिकार्ड रुम में रजिस्ट्रर-2 की नकल काफी निकालने में हर रोज आवेदकों से मोटी रकम ली जा रही है। लेकिन इस रकम का कोई रसीद नहीं दिया जा रहा। रिकार्ड रुम के कर्मियों के इन करतूतों की पोल मंगलवार को उस वक्त खुली। जब जिले के कुछ प्रखंडो से आवेदक अपने प्लाॅट के रजिस्ट्रर-2 की काॅपी निकालने पहुंचे थे। लेकिन अवैध रकम चुकता किए बगैर कार्यालय के कर्मियों ने जब नकल की काॅपी देने से इंकार कर दिया। और कार्यालय का दरवाजा भी बंद कर दिया। दरवाजा बंद करने से नाराज लोगों ने इस दौरान कार्यालय में जमकर हंगामा किया। नकल निकालने पहुंचे जमुआ के जगदीश महतो, देवरी के विकास दासबंधि, जमुआ के विवेक मंडल, इसराफिल असंारी और रोहित राणा ने कार्यालय के कर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि रिकार्ड रुम में बगैर रकम चुकाएं काम किया जाता। पंजी-2 का नकल निकालने के लिए हर प्रखंड का रेट फिक्स है। रकम तो लिया जाता है और इसकी रसीद भी नहीं दी जाती। तो दुसरी तरफ हर टाल-मटोल कर दौड़ाया जाता है। रिकार्ड रुम के यह हालत करीब एक साल से है। क्योंकि जमुआ और देवरी के ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें रिकार्ड रुम में अपने प्लाॅट का पंजी-2 का नकल निकालने के लिए आवेदन दिए पांच महीनें से अधिक का वक्त गुजर चुका है। और करीब चार महीनें से दौड़ रहे है। लेकिन हर रोज आज-कल कर कार्यालय के कर्मी चक्कर लगवा रहे है।
इस बीच कार्यालय में हंगामा होते देख दडांधिकारी ज्योति वंदना कुजूर भी कार्यालय पहुंची। और पूरे मामले से अवगत हुई। इस दौरान दडांधिकारी भी ग्रामीणों की बात सुनने के बाद कर्मियों को डांटने के बजाय ग्रामीणों को ही समझाने लगी। दडांधिकारी ज्योति वंदना कुजूर ने ग्रामीणों से कहा कि जो आवेदन आते है। और जिस प्लाॅट के पंजी-2 का नकल निकालना होता है। उनमें काफी भिन्नता होती है। यह समस्या पिछले कई महीनों से लगातार बनी हुई है। इसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।