LatestNewsगिरिडीहझारखण्डराँची

सख्ती के नाम पर बगैर किसी आदेश के गिरिडीह पुलिस शहर के बाजारों को सुबह 11 बजे ही जबरन शुरु कर दी बंद कराना

16 मई से ई-पास के बगैर शहर में चलने पर लगाया था रोक, लेकिन पुलिस कराने लग गई बाजारों को बंद

हर बार क्रैश होता रहा परिवहन मंत्रालय का साईट, ई-पास के लिए लोग रहे परेशान

गिरिडीहः
संक्रमण का चैन तोड़ने के लिए 16 मई से सख्ती करने का निर्देश राज्य सरकार ने दिया था। जिसमें ई-पास के बगैर आवागमन पर रोक लगाने की बात कही गई। यहां तक कि शहर में भी आवागमन के लिए ई-पास को अनिर्वाय किया गया। तो दुसरी तरफ जरुरतमंद ई-पास बनाने के लिए रविवार को सारा दिन परेशान रहे। क्योंकि सरकार के परिवहन मंत्रालय का वेबसाईट खुलने के साथ ही क्रैश हो जा रहा था। जबकि ई-पास के बगैर निकले लोग बेवजह रविवार को पुलिस की लाठी खानी पड़ी। और तो डांट सुनने पड़े सो अलग। इस दौरान जरुरतमंद लोग ई-पास बनाने के लिए ही सारा दिन अपने मोबाइल में परिवहन मंत्रालय का साईट खोलते रहे। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
इधर रविवार को सख्ती के नाम पर जो सबसे अधिक हुआ। वह गिरिडीह प्रशासन द्वारा बगैर किसी सूचना के तय वक्त से पहले शहर के बाजारों को बंद कराने का। ऐसी स्थिति पूरे शहरी क्षेत्र में दिखा। पुलिस विभाग द्वारा प्रतिनियुक्त जवानों ने जानकारी के अभाव में किराना दुकान से लेकर सब्जी दुकानदारों को यह कहकर सुबह 11 बजे से ही हटाना शुरु कर दिया। अब हर रोज आवश्यक वस्तूओं की दुकानें भी सुबह 11 बजे तक ही संचालित होगी। और हुआ भी ऐसा ही। दरअसल, 16 मई से सख्ती करने का निर्देश दिया गया था। जिसमें यात्री वाहनों के आवागमन को पूरी तरह से ठप कर देना। तो बगैर ई-पास के बाईक और कार के चलाने पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया गया था।


लेकिन यहां गिरिडीह प्रशासन ने बगैर किसी निर्देश के ही सुबह 11 बजे के बाद शहर के बाजारों को बंद कराना शुरु कर दिया। जबकि बाजारों को 11 बजे बंद कराने का कोई सूचना सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया था। लिहाजा, गिरिडीह पुलिस आधी-अधूरी जानकारी के साथ शहर के दुकानों को ही बंद कराना शुरु कर दिया। स्थिति यह हो गई कि जिन लोगों ने 11 बजे तक दुकान बंद नहीं किए। उनके दुकानों को पुलिस जवानों ने 11 बजे के बाद जबरन बंद कराना शुरु कर दिया। लिहाजा, दुकानदार भी इसे लेकर परेशान रहे। तो जरुरी समानों की खरीदारी करने निकले लोगों को पुलिस के इस रवैये से काफी अधिक परेशानी उठाना पड़ा।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons