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बीएड के छात्र प्रतिनिधि मिले माले नेता राजेश सिन्हा से, समस्या से कराया अवगत

  • कहा स्कोलरशिप पोर्टल बंद होने से छात्रों को हो रही है परेशानी
  • छात्रों के साथ खड़ा है माले का स्टूडेंट विंग आईसा और इंकलाबी नौजवान सभा: राजेश

गिरिडीह। झारखंड के ई-कल्याण पोर्टल बंद होने से छात्रों के साथ एक बहुत बड़ी समस्या उत्पन हो गई है। जिससे सभी अपने पढ़ाई छोड़ने के कगार पर आ गये है। कोरोना संक्रमण के वजह से सत्र अनियमित हो जाने के कारण झारखंड में वर्ष 2020 के लिए अभी तक बीएड की नामांकन की प्रक्रिया समाप्त नहीं हो पाई है। सोमवार को बीएड प्रशिक्षु हसन राजा अंसारी, उमेश कुमार वर्मा, उम्मे हबीबा, अजय वर्मा, तुसार, सुंदर कुमार, पिन्टू कुमार सहित अन्य छात्रों ने माले नेता राजेश सिन्हा से मुलाकात की और अपनी परेशानियों से अवगत कराया।

कहा कि झारखंड सरकार द्वारा दिये जाने वाला ई कल्याण स्कोलरशिप पोर्टल को 10 फरवरी को ही बंद कर दिया गया है। 10 फरवरी के बाद नामांकन कराने वाले लगभग चार हजार बीएड के छात्र छात्राएं जो स्कोलरशीप से वंचित रह गए है। बीएड की दो साल की पढ़ाई की फीस लगभग विभिन्न कॉलेजों में एक लाख चालीस हजार है। जिसे बिना स्कॉलरशीप के एसटीएससी तथा ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए फीस भर पाना असंभव है। इस परेशानी को लेकर छत्रगण बहुत चिंतित हैं स्कॉलरशीप भरने का मौका नही मिल पाने से छात्र बहुत परेशान है। प्रशिक्षु विधायक तथा मंत्रियों को ज्ञापन सोप कर सरकार से लगातार स्कॉलरशिप भरने का मौका देने का निवेदन कर रही है लेकिन सरकार के तरफ से अभी तक इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है।

मौके पर माले नेता श्री सिन्हा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार वो सभी गलतियां कर रही है जो रघुवर सरकार कर चुकी है। कहा कि छात्रों के हीत में सरकार को स्कोलरशिप का पोर्टल तत्काल खोलना चाहिए। अन्यथा छात्रों के साथ माले आंदोलन को बाध्य होगी। कहा कि सरकार क्या नया रोजगार का वादा करती है वह भी जग जाहिर है, अब जो पढ़ाई कर रहे है उनको भी अधर में लटका दिया जा रहा है, श्री सिन्हा ने बताया कि माले का स्टूडेंट विंग आईसा और इंकलाबी नौजवान सभा छात्रों के साथ खड़ा है।

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