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सूखाड़ के बीच गिरिडीह के जमुआ के किसानों ने दिखा देशभक्ति का अनाोखा मिसाल, तिरंगा लगे बैल और हल से जोता खेत

गिरिडीहः
प्राकृतिक ने झारखंड के किसानों को दगा दिया। और अब हालात ऐसे है कि गिरिडीह समेत कई जिले सूखाड़ की और बढ़ रहे है। तो दुसरी तरफ सरकार अब भी हालात पर नजर बनाएं रखने का दावा करते हुए किसानों को राहत देने की बात कह रही है। लेकिन आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर किसानों के देशभक्ति ने लोगों को अहसास करा दिया, कि वो किसी से कम नहीं। अमृत महोत्सव को लेकर पिछले कई दिनों से तिरंगा अभियान पर कई कार्यक्रम चल रहे है। लेकिन राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में गिरिडीह के जमुआ के किसानांे ने इतना जरुर अहसास करा दिया कि वो भी कम नहीं। तभी तो गिरिडीह के जमुआ प्रखंड के राजगढ़ में किसानों ने देशभक्ति का एक मिसाल कायम किया। दरअसल, हर घर तिरंगा अभियान को लेकर जमुआ के किसानों ने शुक्रवार को बैल लगे हल में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाकर अनोखे अंदाज में खेती किया। जमुआ के राजगढ़ गांव के दर्जन भर किसान शुक्रवार की सुबह बैल और हल लेकर खेत पहुंच गए। जहां अनोखे अंदाज में सूखे पड़े खेत में राष्ट्रीय ध्वज लगाया हल चलाया। इस दौरान हल के दोनों और किसानों ने राष्ट्रीय ध्वज को लगाया, और अपने-अपने खेत में हल जोतने लगे।

हल जोतने के क्रम में राजगढ़ गांव के किसानों ने कहा कि सिचांई के सारे स्त्रोत तालाब, नदी कुंआ सभी सूखे पड़े हुए है। उनमें इतना पानी नहीं कि सिचांई हो सके। क्योंकि जूलाई खत्न होने के बाद अगस्त में सावन खत्म हो चुका है। लेकिन बारिश सही से नहीं होने के कारण पूरे जिले में महज ढाई फीसदी धनरोपणी हुआ। लिहाजा, अब उन्हें चिंता है कि जो कर्ज लिए गए है उसे चुकाना कैसे है। किसानों ने सरकार से फसल बीमा योजना की राशि में वृद्धि करने का मांग किया। तो मनरेगा मजदूरी के दर पर भी इजाफा की बात कही।

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