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जल्द ही गिरिडीह के लोगों को मिलेगा जैविक टमाटर

  • जमुआ में पर्णहिरत एफपीओ करा रहा है टमाटर की जैविक खेती
  • रासायनिक खाद के उपयोग से बढ़ रही जानलेवा बिमारियां

गिरिडीह। सरकार की पहल पर नाबार्ड व आइडिया संस्था के संयुक्त प्रयास से जल्द ही गिरिडीह के लोगों को जैविक टमाटर उपलब्ध कराया जायेगा। जी हां जिले के जमुआ प्रखंड के बदडीहा वन पंचायत के ग्राम नईटांड़ में पर्णहिरत एफपीओ के द्वारा पांच एकड़ जमीन पर टमाटर की जैविक खेती की जा रही है। एफपीओ के डायरेक्टर सुरेश वर्मा के अनुसार नाबार्ड और आइडिया संस्था के सहयोग से पर्णहिरत एफपीओ बनाकर इसी एफपीओ के माध्यम से किसानों को जागरूक और संगठित करने के साथ ही किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए काम किया जा रहा है। कहा कि जहाँ एक तरफ रासायनिक खाद और कीटनाशक के लगातार उपयोग से हमारी जमीन कम उपजाऊ होती जा रही है वहीं दूसरी ओर रासायनिक खादों और कीटनाशकों के लगातार उपयोग से कई जानलेवा बिमारी बढ़ रही है। जमीन और जीवन बचाने के लिए ही एफपीओ काम कर रहा है।

एफपीओ से जुड़े नईटांड़ के एक किसान सचिन वर्मा बताते हैं कि एफपीओ के आने से गाँव के किसानों में जागरूकता आई है। एफपीओ के द्वारा सरकार की योजनाओं की जानकारी ससमय मिल रही है। मनरेगा की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि एफपीओ की पहल से मनरेगा योजना अन्तर्गत गाँव में कई काम हुए है।

जैविक खेती से पर्यावरण का भी संरक्षण: डीडीएम

एफपीओ के द्वारा जैविक खेती एक अच्छी पहल है। इससे पर्यावरण का भी संरक्षण होने के साथ ही कई प्रकार की गंभीर बिमारी से भी लोगों का बचाव होगा। कहा कि एफपीओ से जुड़े किसानों को लखपति बनाने के लिए नाबार्ड प्रयासरत है। किसानों को समेकित कृषि हेतु जागरूक किया जा रहा है।

नईटाँड़ बनेगा माॅडल गाँव: पाण्डेय

आइडिया संस्था के प्रोग्राम डायरेक्टर संतोष पाण्डेय ने कहा कि नईटाँड़ के किसान काफी मेहनती हैं। यहाँ के किसानों ने बंजर भूमि में आधुनिक और वैज्ञानिक तरीके से टमाटर की जैविक खेती कर जिले के किसानों को एक संदेश दिया है। कहा कि एफपीओ के द्वारा नईटाँड़ गाँव को नाबार्ड, सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से माॅडल गाँव बनाया जाएगा। यह गाँव कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और बागवानी का एक माॅडल गाँव होगा जहाँ से जिले के किसानों को प्रेरणा मिलेगी।

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