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आदिवासियों की सरना कोड की मांग एक गंभीर मामला: हेमंत सोरेन

  • दुमका में प्रेसवार्ता कर कहा सरना कोड के लिए बुलाया जायेगा विशेष सत्र
  • केन्द्र सरकार को भेजा जायेगा विशेष सत्र में प्रस्तावित सरना कोड का प्रस्ताव

दुमका। बेरमो-दुमका विधानसभा उपचुनाव के प्रचार प्रसार के बीच शुक्रवार को सुबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आदिवासियों की ओर से सरना कोड की मांग को लेकर वे गंभीर हैं। कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा, जिसमें सरना कोड का प्रस्ताव पारित कर इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। विशेष सत्र को लेकर उन्होंने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से भी बात की है और विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को प्रस्ताव भेजेंगे।

राज्यपाल से भी की इस मामले में चर्चा

उन्होंने कहा कि होने वाली आगामी जनगणना में विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए कॉलम बनाए गए हैं। मगर इस देश के आदिवासियों के लिए कोई कॉलम नहीं है। पूर्व में विभिन्न आजादी के बाद से जनगणना में आदिवासियों को अलग स्थान दिया जाता है। आज धीरे-धीरे इसे समाप्त कर दिया गया। यहां के आदिवासी चिंतित हैं। जनगणना में वो अपने आप को किस स्थान पर दर्शाएंगे। ये चिंता का विषय है। कहा कि इस विषय पर उन्होंने राज्यपाल से भी वार्ता की है। ताकि विशेष सत्र बुलाकर इस विषय का प्रस्ताव को भारत सरकार को भेजा जाए और जब जनगणना हो तो आदिवासी समूह को भी ओर सभी की तरह जगह मिल पाए।

पूर्व सीएम रघुवर दास पर साधा निशाना

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हेमंत सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भी निशाना साधाते हुए कहा कि रघुवर दास जो बोलते हैं, उससे उनका आचरण का साफ पता चलता है। कहा कि भाजपा अपने खेमे में ऐसे बोल चाल वाले लोगों को रखती है जिनके कई रूप होते हैं। कहा कि एक छुरा भोंकता है तो दूसरा दवा करता और तीसरा सहानुभूति देता है। कहा कि लोकतंत्र की लड़ाई में ये नहीं पार पाते हैं तो धनबल की लड़ाई करते हैं।

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