20वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए जननायक स्व0 रीतलाल प्रसाद वर्मा
- कुशवाहा संघ व भाजपा किसान मोर्चा ने दी श्रद्धांजली, उनके बताए मार्ग पर चलने का लिया संकल्प
गिरिडीह। कुशवाहा संघ द्वारा सोमवार को जिला परिषद के पास रीतलाल प्रसाद वर्मा चौक पर जननायक स्व0 रीतलाल प्रसाद वर्मा के 20वीं पुण्यतिथि पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजली दी गई। मौके पर कुशवाहा संघ के जिला अध्यक्ष इन्द्र नारायण प्रसाद, कुशवाहा संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मुन्ना कुशवाहा, हृतलाल वर्मा, अंकेक्षक रामदेव प्रसाद बर्मा, बसंत वर्मा, व्यवसायिक प्रकोष्ठ प्रमुख बिजय सिन्हा, युवा क्रांतिकारी केशव वर्मा, जिला छात्र प्रमुख रविन्द्र विद्यार्थी, सचिन कुमार, हरिनंदन वर्मा, शिक्षक सह समाज सेवी कार्तिक वर्मा, प्रवीण सिंह, डा० शशीभुषण, पवन वर्मा, नरेश वर्मा सहित समाज के कई लोगों ने स्व0 रीतलाल प्रसाद वर्मा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
मौके पर कुशवाहा संघ के जिला अध्यक्ष इंद्र नारायण प्रसाद ने कहा कि रीतलाल बाबू की विचारधारा और उनके काम किसी भी समाज के लिए अनुकरणीय है। हमें उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर चलना चाहिए। वहीं कार्यकारी अध्यक्ष मुन्ना प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि राजनीतिक जीवन में रीतलाल बाबू की सुचिता, उनकी शुद्ध राजनीति में उनके विचार और गरीब शोषित पिछड़े और दलितों के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य एक नेता से अधिक एक अभिभावक के कार्य थे। उन्होंने गिरिडीह कोडरमा रेल लाइन की परिकल्पना, सिंचाई के लिए कई डेमो की परिकल्पना के साथ ही कोडरमा लोकसभा का पांच बार ईमानदारी से प्रतिनिधित्व करते हुए क्षेत्र के सर्वांगीण विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। कहा कि उनके विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है क्योंकि आज कहीं ना कहीं ऐसे नेताओं की संख्या बहुत कम हो चुकी है।
इधर भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष दिलीप वर्मा अपने समर्थकों के साथ रीतलाल प्रसाद वर्मा चौक पहुंचे और उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर कहा कि स्व0 रीतलाल प्रसाद वर्मा कोडरमा क्षेत्र से सबसे अधिक पांचवीं बार सांसद के रूप में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किए। तत्कालीन समय में क्षेत्र के पिछड़ेपन की स्थिति को देखते हुए उन्होंने वकालत का पेशा छोड़कर राजनीति का मार्ग चुना। भारतीय जनसंघ से राजनीतिक सफर की शुरुवात करते हुए गरीब गुरबों एवं वंचितों की आवाज बने। उनका जीवन, उनका संघर्ष हम सबों के लिए हमेशा प्रेरणा श्रोत बना रहेगा।