विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
कोडरमा। भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (नालसा) द्वारा अमृत महोत्सव के आयोजन के दिशा निर्देश पर एवं झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, कोडरमा के तत्वावधान में डोमचांच प्रखण्ड के मसनोडीह पंचायत स्थित जियोरायडीह बिरहोर बस्ती में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकार, कोडरमा की सचिव लूसी सोसेन तिग्गा ने कहा कि मानव तस्करी एवं बाल श्रम बहुत बड़ा जुर्म है, तथा इस कार्य में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर दण्ड के प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी क्षेत्र में बाल विवाह होने की सुचना मिले तो उस क्षेत्र के प्रखंड विकास पदाधिकारी को अविलम्ब इसकी सुचना दें। बाल विवाह समाज के लिए बहुत बड़ा अभिशाप है। लडके की शादी 21 वर्ष से कम तथा लडकियों की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में नहीं करें। ऐसा करने वालों के प्रति कानून काफी सख्त है। बाल तस्करी कानून की नजर में बहुत घोर अपराध है और तस्करी में शामिल व्यक्तियों के लिए कठोर दंड के प्रावधान है। श्रीमती तिग्गा ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुँचाना जिला विधिक सेवा प्राधिकार का मुख्य उद्देश्य है तथा इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए जिले के दूर दराज के इलाको में प्राधिकार द्वारा समय समय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जाता है।
शिविर को संबोधित करते हुए बाल कल्याण समिति की चेयर पर्सन रूपा सामंता ने कहा कि किसी भी महिला को डायन कह कर प्रताड़ित करना डायन प्रतिषेध अधिनियम के तहत जुर्म है तथा इसमें शामिल व्यक्तियों को कानून द्वारा कभी भी बख्शा नहीं जाएगा स उन्होंने कहा कि छोटे छोटे बच्चो से काम कराना बाल श्रम की श्रेणी में आता है स बाल श्रम कराना कानून द्वारा प्रतिबंधित है ऐसी सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति अथवा चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर सूचित करें स बाल श्रम कराने वाले व्यक्ति कानूनन दोषी माने जाएँगे।
शिविर को संबोधित करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि अधिकारों एवं कर्तव्यों के बीच सामंजस्य स्थापित कर ही व्यक्ति अपना सर्वांगीण विकास कर सकता है। इसके अलावा राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओ के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
पैनल अधिवक्ता राम विनय सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि मानव तस्करी एवं बाल श्रम भी बहुत बड़ा जुर्म है, तथा इस कार्य में शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर दण्ड के प्रावधान हैं। साथ ही श्री सिंह ने डायन प्रथा, झारखण्ड फोस्टर केयर एवं स्पॉन्सरशिप स्कीम के दिशा-निर्देश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी जानकारी काफी विस्तार से दिया स
ये थे मौजूद
मौके पर न्यायालयकर्मी संतोष कुमार सिंह, पीएलवी सीमा मेहता, सुब्रत कुमार मुखर्जी, रामदेव पासवान, सुशील बिरहोर, राम दयाल बिरहोर, झिमली देवी, महावीर बिरहोर, मनोज बिरहोर, सुरेश बिरहोर, रामदेव यादव, रश्मी बिरहोरिन, सुमन बिरहोरिन, गुडिया बिरहोरिन सहित चिंता देवी, शांति देवी, तारा देवी, बिंदा देवी, राजेश्वर सिंह, महादेव मेहता, दिनेश मेहता सहित भारी संख्या में लोग मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह व धन्यवाद् ज्ञापन पीएलवी तुलसी कुमार साव ने किया।