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रबी फसल को लेकर हुआ कार्यशाला का आयोजन

  • किसानों को दी गई रबी फसल की खेती को लेकर जानकारी

गिरिडीह। तिसरी किसान भवन के प्रांगण में बीटीएम पंकज कुमार की अध्यक्षता में रबी फसल कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमे बतौर मुख्य अतिथि प्रखंड कृषि पदाधिकारी कर्मन चौधरी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि रबी की फ़सल सामान्यतः अक्तूबर और नवम्बर के महिनों में बोई जाने वाली फसल हैं। इन फसलों की बुआई करते समय कम तापमान होता है और पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की जरुरत होती है। रबी फसल का उदाहरण है गेहूँ, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि। रबी फसल में कठिया गेहूं, देशी चना, अलसी व सरसों की बुवाई में कम पानी लगती हैं। रबी की फसलों में बोई जाने वाली अनाज दलहन या तिलहन यदि देशी प्रजाती की हों, तो सूखा को सहन करने की क्षमता इनके अंदर खरीफ फसलों की अपेक्षा अधिक होती है।

कार्यशाला में एटीएम राजेंद्र रजक, शैलेंद्र कुमार, किसान मित्र इशरत अली, अर्जुन यादव, कोलेश्वेर सिंह, अनिल यादव, मत्यूस हेंब्रम, भागीरथ रविदास, दिनेश यादव, सुनील स्वर्णकार समेत कई लोग मौजूद थे।

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