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भगत सिंह की जयंती पर डीवाईएफआई ने विचार गोष्ठी का किया आयोजन

  • वक्ताओं ने कहा नहीं हुआ शहीदों का सपना पूरा
  • निजीकरण के रास्ते युवाओं के सपनों को कुचला जा रहा है: संजय पासवान

कोडरमा। भारत की जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) ने कोडरमा में शहीदे आजम भगत सिंह की 114वीं जन्मशती पर याद करते हुए एक विचार विचार गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरूआत शहीद भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। मौके पर शहीद भगत सिंह अमर रहे, शहीदों तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे, शहीदों लेलो लाल सलाम आदि नारे लगाए गये।


डीवाईएफआई के राज्य सचिव संजय पासवान ने कहा कि भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर को हुआ था और हिंदुस्तान की आजादी के लिए 24 वर्ष की उम्र में हस्ते हस्ते फांसी पर चढ़ गए और शहीद हो गए। आज़ादी के दीवानों का सपना था कि भारत देश आज़ाद होगा तो एक ऐसा समाज का निर्माण होगा, जहां मनुष्य के द्वारा मनुष्य का शोषण नहीं होगा। सबको एक समान शिक्षा और रोजगार की गारंटी होगी, हर खेत में पानी पहुंचेगा और खुशहाली आएगी, लेकिन वह सपना आज भी अधुरा है। कहा केन्द्र की भाजपानीत मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण बेरोजगारी की फौज खड़ी हो गई है, कोरोना काल में 12 करोड़ लोगों का रोजगार छीन गया है। रोजगार पैदा करने वाली सार्वजानिक संपतियों को कॉरपोरेट के हाथों में बेचकर निजीकरण के रास्ते युवाओं के सपनों को कुचला जा रहा है। इसके खिलाफ देश में युवा आंदोलन तेज करना होगा।

एसएफआई के नेता मुकेश कुमार यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति से गरीब व किसान के बेटे उच्च शिक्षा से वंचित हो जायेंगे और शिक्षा मुट्ठी भर अमीर लोगों के लिए रह जाएगा। डीवाईएफआई के जिला सचिव सुरेन्द्र राम ने कहा कि हमें नौजवानों को संगठन से जोड़ना होगा और उन्हें भगत सिंह के विचारों से अवगत कराकर क्रांतिकारी आंदोलन के लिए प्रेरित करना होगा। डीवाईएफआई के जिलाध्यक्ष परमेश्वर यादव ने कहा कि आज देश फिर से गुलामी के रास्ते पर जा रहा है, मोदी सरकार की सत्यानाशी नीति के खिलाफ़ समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा। गोष्ठी में आशीष कुमार, बैजनाथ साव, विजय सिंह, राजेश यादव, मंटू यादव, मुकेश यादव, पंकज यादव, सकलदेव यादव आदि मौजूद थे।

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