पांच सूत्री मांगों को लेकर पोषण सखी ने जिला कल्याण पदाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की मांग
कोडरमा। कोडरमा जिले के विभिन्न प्रखण्डों में पोषण सखी के रूप में कार्यरत पोषण सखियों ने डीएसडब्लूओ अंजु कुमारी को मंलगवार को ज्ञापन सौंपकर सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी की मांग की है। डीएसडब्लूओ को सौंपे गए ज्ञापन में पोषण सखियों ने कहा है कि राज्य के कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, चतरा, गोड्डा एवं दुमका में वर्ष 2016 में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण सखी की बहाली हुई थी। इनका प्रतिमाह 3000 रुपए मानदेय निर्धारित किया गया था जो सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी काफी कम है। पोषण सखियों ने कहा है कि नियुक्ति के 4 साल बाद भी उनके मानदेय में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं हुई है। पोषण सखियों ने मुख्यमंत्री के नाम डीडब्लूओ को सौंपे ज्ञापन में 5 सूत्री मांगों को भी रखा है।
ये है संघ की मांग
पोषण सखियों ने मांग करते हुए कहा कि पोषण सखी के मानदेय में वृद्धि करते हुए श्रम विभाग द्वारा निर्धारित अति कुशल मजदूरों के समान न्यूनतम मासिक परिलब्धि 13,184 रुपए का भुगतान 1 अप्रैल 2020 से करने, पोषण सखियों का विभागीय नियम वाली नियमावली बनाकर हड़ताल अवधि का मानदेय भुगतान करने, आंगनबाड़ी सेविका के समान बीमा एवं अवकाश की सुविधा देने, योग्यता के आधार पर उच्च पदों पर प्रमोशन देने, पोषण सखी के लिए ड्रेस कोड लागू करने और पूर्ण सरकारी सेवक घोषित करने की मांग शामिल है।
क्रमवार आंदोलन की चेतावनी
होगा क्रमवार आंदोलन, पोषण सखी संघ के जिला अध्यक्ष मनीता कुमारी, जिला सचिव रीना कुमारी और प्रदेश संयुक्त सचिव सुनीता दास ने कहा कि जहां एक ओर देश में महिला सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर पोषण सखियों की अनदेखी की जा रही है। महिलाओं के साथ दोहरा मापदंड बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने हक और अधिकार की लड़ाई स्वयं लड़नी होगी। कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नही हुई तो संघ के द्वारा क्रमवार आंदोलन किया जाएगा। 22 दिसंबर को यही ज्ञापन 6 जिलों के डीसी को सौंपा जाएगा। 29 दिसंबर को राज्य के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को 5 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा। कहा कि झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के समय रांची में मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य रैली करने का निर्णय लिया गया है।