गिरिडीह के दुखिया महादेव के पेयजलापूर्ति प्लांट में नक्सलियों ने नहीं, बल्कि अपराधियों ने बोला था धावा, पहुंचाया लाखों का नुकसान
गिरिडीहः
जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर औद्योगिक क्षेत्र स्थित बाबा दुखहरण नाथ धाम में पेयजलापूर्ति योजना को नुकसान नक्सली संगठन ने नहीं। बल्कि अपराधियों ने नुकसान पहुंचाया। वैसे रविवार की सुबह तक जो जानकारी मिली उसके अनुसार करीब 15 की संख्या में हथियारबंद नक्सली पहुंचे थे। लेकिन चंद घंटे बाद जब पूरा मामला साफ हुआ। तो यह स्पस्ट हो गया कि बाबा दुखिया महादेव मंदिर के ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना को नुकसान नक्सली संगठन माओवादियों ने नहीं, बल्कि अपराधियों ने पहुंचाया है। लिहाजा, घटना के बाद ग्रांउड पर जानकारी लेने न्यूज विंग के संवाददाता खुद पहुंचे। तो घटनास्थल मंे कई बातें सामने आई। बाबा दुखिया महादेव धाम स्थित ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शनिवार की देर रात करीब 11 बजे 15 की संख्या में हथियार बंद अपराधियों ने धावा बोला। क्योंकि घटना के वक्त ट्रीटमेंट प्लांट के दो प्राईवेट गार्ड सन्नी खान और रंजन प्रसाद के साथ गार्ड रंजन प्रसाद की पत्नी भी मौजूद थी।
15 की संख्या में आएं अपराधियों ने इस दौरान दोनों गार्ड के साथ मारपीट किया। तो रंजन की पत्नी और प्लांट की महिला कर्मी ममता देवी के गले से चैन छीनने के साथ उसके पास रखे चार हजार भी लूट लिया। इस दौरान अपराधियों ने दो गार्डो के साथ मारपीट करते हुए उनके मोबाइल तक छीन लिया। तो तीनों को हिदायत भी दिया कि वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगे। सिर्फ ट्रीटमेंट प्लांट के ट्रांसर्फरमर के उपकरणों को लेना मकसद है। और यह कहते हुए अपराधियों ने ट्रांसर्फमर को ब्लास्ट कर उड़ाया। और ट्रांसर्फमर में लगे कई उपकरण लूटकर फरार हो गए। चार घंटे रुक कर अपराधी इस प्लांट में घटना को अंजाम दिया।
वहीं रविवार की सुबह जानकारी मिलने के बाद मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय राम पहुंचे। तो योजना के संवेदक उपेन्द्र शर्मा भी योजनास्थल पहुंचे। और पूरे कर्मियों से पूरे मामले की जानकारी लिया। इसके बाद संवदेक ने थाना मंे अज्ञात अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर पूरे मामले की जांच में जुटी। इधर संवेदक शर्मा ने बताया कि दुखिया महादेव ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना से औद्योगिक क्षेत्र के तीन पंचायत के 25 हजार से अधिक आबादी के बीच पेयजलापूर्ति किया जाता है। लेकिन अपराधियों के इस तांडव के बाद माना जा रहा है कि पेयजलापूर्ति ठप ही रहेगी।