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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ने मनाया रामास्वामी नायकर की 142वां जयंती

रामास्वामी के विचारों से लोगों को कराया अवगत

गिरिडीह। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग के बैनर तले गुरूवार को सिहोडीह बुद्ध बिहार में पेरियार रामास्वामी नायकर का 142वां जयंती समारोह मनाई गई। जिसमे भीम सेना, भीम आर्मी, बामसेफ, रविदास महासभा के साथीगण शामिल हुए उपस्थित हुए और रामास्वामी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। मौके पर लोगों ने रामास्वामी के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पेरियार ई.वी.रामास्वामी नायकर का जन्म दक्षिण भारत के ईरोड (तमिलनाडु) नामक स्थान पर 17 सितम्बर 1879 ई. को हुआ था। वर्णव्यवस्था के अनुसार ये शूद्र वर्ण की गडरिया जाति में आते हैं। पेरियार रामास्वामी नायकर की औपचारिक शिक्षा चैथी कक्षा तक हुई थी। 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने पाठशाला को सदा के लिए छोड़ दिया।

पेरियार रामास्वामी का परिवार धार्मिक तथा रूढ़िवादी था। लेकिन अपने परिवार की परम्पराओं के विपरीत पेरियार रामास्वामी किशोरावस्था से ही तार्किक पद्धति से चिन्तनदृमनन करने लगे थे। कहा कि देश की स्वतंत्रता के सम्बंध में पेरियार जी का विचार था कि, कांग्रेस और अंग्रेजों के बीच हुए समझौते के कारण जो स्वतंत्रता मिली वह यह स्वतंत्रता नहीं है, जो सभी भारतीयों को दी गई है। इस स्वतंत्रता से गैर-ब्राह्मणों को कोई लाभ नहीं हुआ था। इसी वजह से देश में गरीबी और महामारी हमेशा बनी हुई है।

जयंती में थे उपस्थ्ति

कार्यक्रम में बामसेफ के जिला अध्यक्ष राजेश रवि, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला प्रभारी प्रवीण कुमार, सुरेंद्र कुशवाहा, निर्मल बौद्ध, रीतलाल बौद्ध, महेंद्र नाथ, विनोद कुमार चैरसिया, महेंद्र रजक, सतीश कुमार, जिला रविदास महासभा के अध्यक्ष कमल दास, भीम आर्मी प्रदेश प्रभारी ललन नागवंशी, मधु राव पटेल, बबलू दास राजाराम सुखदेव दास आदि उपस्थित थे।

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