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जायज मांगों को लेकर आंदोलन करो और जेल जाने की परंपरा: राजेश सिन्हा

  • गिरिडीह प्रशासन किसानों की एक छोटी सी जायज मांग को भी नही कर पा रही है पूरा

गिरिडीह। आंदोलन करो और मुकदमा झेलो और जेल जाओ वर्तमान और पहले की सरकार में यही होता रहा है। जबकि अभी भी मौका है सरकार इस मामले को गंभीरता से ले। उक्त बातें माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने कहा बुधवार को हुए किसान आंदोलन को लेकर कही। उन्होंने कहा कि किसानों की एक छोटी सी जायज मांग थी, जिसे प्रशासन पूरा नही कर पाई है।

कहा कि गिरिडीह में रजिस्टर्ड टू के माध्यम से ही जमीन की हेरा फेरी होती आ रही है। बड़े बड़े नेता, भुमाफिया, कुछ लुटखोर अधिकारी और संबंधित सरकारी गैर, सरकारी कर्मी इसी के बल बूते मोटी कमाई कर रहे है, उनको इस मांग से परेशानी होती है इसलिए वह अपना फॉल्स पावर दिखाते है, जो अल्पकाल का पावर होता है। इससे उनकी बदनामी होती है किंतु लूट वाली कमाई के सामने उनकी बदनामी हो कोई फर्क नही पड़ता है।

कहा कि किसान महासभा ने जब बगोदर विधायक के नाम ज्ञापन उन्हें दिया था, उसके बाद उस समय के उपायुक्त राहुल सिन्हा से घंटो बैठक के बाद 700 आवेदन में लगभग 300 आवेदन का निष्पादन करवाया गया था। उस बैठक में माले नेता राजेश सिन्हा, किसान सभा के अध्यक्ष अवधेश सिंह, संरक्षक अजीत सिन्हा थे। तत्कालिन उपायुक्त श्री सिन्हा के साथ घंटो बैठक के बाद निष्पादन शुरू हुआ। लेकिन जैसे ही वह गए फिर से भु-माफियाओं रजिस्टर्ड टू के नाम पर कमाने वाले कर्मी हावी हो गए।

कहा कि आंदोलनकारियों को प्रशासन नहीं फंसा रही है बल्कि इसके पीछे भूमाफिया है। चुंकि करीब 50 प्रतिशत रजिस्टर्ड टु का पेज फड़वा दिया गया है। माफिया हावी है, सरकार के लोग मौन है। श्री सिन्हा ने कहा कि आम जनता जब तक आंदोलन को दिल से नहीं जोड़ेंगे उनके नेता फर्जी मुकदमा झेलते रहेंगे।

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