महापौर ने डीजीपी से पत्राचार कर मांगा बाॅडीगार्ड
अज्ञात फोन से मिल चुकी है जान मारने की धमकी
गिरिडीह। नगर निगम के महापौर सुनील पासवान जान मारने की धमकी के बाद प्रदेश के डीपीपी से पत्राचार कर बाॅडीगार्ड मुहैया कराने की मांग की है। महापौर को पूर्व में भी कई बार अज्ञात फोन से जान मारने की धमकी मिल चुकी है। मेयर ने पत्राचार कर पूर्व में मिली धमकी का भी जिक्र किया है।
पूर्व में मिले थे दो बाॅडीगार्ड
गौरतलब है कि महापौर बनने के बाद उन्हें तत्कालिन रघुवर सरकार की ओर से दो बाॅडीगार्ड उपलब्ध कराए गए थे। लेकिन हेमंत सरकार बनने के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर एसपी के द्वारा कोरोना का हवाला देते हुए बाॅडीगार्ड को वापस बुला लिया गया था। प्रोटोकाॅल के तहत महापौर की सुरक्षा के लिए बाॅडीगार्ड का मिलना आवश्यक है। लेकिन आठ माह से महापौर की सुरक्षा में एक भी बाॅडीगार्ड नहीं है।
योजनाओं के निरिक्षण के दौरान बना रहता है भय
महापौर के अनुसार उन्हें निगम क्षेत्र के वार्डो में चल रही योजनाओं का निरीक्षण करने अक्सर जाना पड़ता है। साथ ही पेयजलापूर्ति के निरिक्षण के लिए खंडौली भी जाना होता है। ऐसे में बाॅडीगार्ड नहीं रहने के कारण उन्हें लगातार भय बना रहता है।