डुमरी में हुआ झारखण्ड आंदोलनकारियों का महजुटान
- गोमिया विधायक सहित विभिन्न जिलों से शामिल हुए झारखण्ड आंदोलनकारी
- कहा झारखण्ड आंदोलनकारियों को नही मिल रहा है सही सम्मान
गिरिडीह। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की ओर से डुमरी में महाजुटान सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले जिलों के आंदोलनकारी उपस्थित हुए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मोर्चा के संयोजक सह टुंडी के विधायक मथुरा महतो, गोमिया डाॅ. लंबोदर महतो, प्रदेश अध्यक्ष बिरेंद्र सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो, सचिव किशोर किस्कु, प्रवक्ता पुष्कर महतो, बोकारो जिला प्रभारी भुनेश्वर केवट, कोडरमा जिला प्रभारी अनिल वर्णवाल, शिवशंकर शर्मा, गोपाल रवानी, पंचानंद मंडल, प्रमुख यशोदा देवी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। सभा का संचालन गिरिडीह जिला के प्रभारी सह आंदोलनकारी राजकमल महतो ने किया। इस दौरान कुछ वयोवृद्ध आंदोलनकारियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
आंदोलनकारी वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि अलग झारखंड राज्य निर्माण में हम सभी ने अहम भूमिका निभाई। लेकिन राज्य अलग होने के बाद जो सम्मान हमसभी को मिलना चाहिए था वह आजतक नहीं मिल पाया है। कहा कि संघर्षों के बाद कुछ आंदोलनकारियों को सम्मान पत्र व राशि अवश्य ही देने का काम किया जो नाकाफी है। कहा कि सरकार सूबे के सभी आंदोलनकारियों को सम्मानित करने का काम करे। अन्यथा आंदोलन करने को हमसब बाध्य होंगे।
गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का लगभग 60 हजार आवेदन अभी भी राज्य सरकार के पास लंबित है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 8 अप्रैल 2020 में सरकार द्वारा गठन किये गये झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितिकरण आयोग का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। वर्तमान समय में आयोग में कोई पदेन अधिकारी नहीं है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जिन आंदोलनकारियों का पेंशन चालू की गई है उनकी राशि भी बहुत ही कम है, पेंशन की राशि बढ़ाने की आवश्यकता है। कहा कि अगर सरकार झारखंड आंदोलनकारियों की बात को नहीं मानी तो झारखंड आंदोलनकारियों आवाज बंद कर विधानसभा में इसका आवाज उठाएंगे।