भगवान श्रीकृष्ण के गौचारण दिवस के रूप में मनाया गया गोपाष्टमी उत्सव
- गौ पूजन कर भक्तों ने गौमाता को खिलाया गुड़, जलेबी और हरा चारा
- कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हुआ मेला का आयोजन: संथालिया
गिरिडीह। शहर के पचम्बा स्थित श्री गोपाल गौशाला में रविवार को गोपाष्टमी उत्सव भगवान श्रीकृष्ण के गौचारण दिवस के रूप में मनाया गया। उत्सव में शहर के लगभग 70-80 परिवार ने गौ पूजन किया और गौमाता की आरती कर अपने हाथों से गुड़, जिलेबी एवं हरा चारा खिलाया। बताया जाता है कि आज ही के दिन भगवान श्रीकृष्ण नंद बाबा से जिद कर गायों को चराने की शुरुआत की थी। नंद बाबा एवं मैया यशोदा ने पुरे विधि विधान से गोमाता की पूजा करते हुए भगवान श्री कृष्ण को गाए चराने के लिए भेजा था।
123 वर्षों से हो रहा था गौशाला मेला का आयोजन

मौके पर उपस्थित समिति के सचिव ध्रुव संथालिया पिछले 123 वर्षों से गौशाला प्रबंधन समिति के द्वारा हरेक वर्ष वार्षिकोत्सव सह गोपाष्टमी मेला का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला लगातार 8 दिनों तक चलने वाला झारखंड का सबसे बड़ा मेला है, लेकिन इस वर्ष करोना संक्रमण के वजह से देखते हुए मेरे का आयोजन नहीं किया गया है जो कि गौशाला के 123 वर्षों इतिहास में पहली बार हुआ है। बताया कि गौशाला मेला की आमदनी से आपूर्तिकर्ताओं का जो बकाया रहता था उसका भुगतान हो जाता था। इस वर्ष मेले का आयोजन नहीं होने से आपूर्तिकर्ताओं का बकाये का भुगतान नहीं हो पायेगा।
उत्सव में इन्होंने लिया भाग
उत्सव में मुख्य रूप से श्रवण केडिया, हरिमोहन केडिया, जीवन राम बाछुका, नरेश डालमिया, अमित अग्रवाल, राहुल केडिया, कमल बगड़िया, संजय डंगाइच के साथ-साथ गौशाला कार्यकारिणी के सदस्य एवं गिरिडीह पचम्बा के गौभक्त उपस्थित थे।