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जनवादी नौजवान सभा के नेता संजय पासवान ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

कहा युवा देश के युवा पीढ़ी के सपनों को बर्बाद कर रही है सरकार

कोडरमा। देश में प्रतियोगी परीक्षाओं की स्थिति बद से बदत्तर होते हालात ने युवा देश की इस युवा पीढ़ी के सपनों को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उक्त बयान जनवादी नौजवान सभा (डीवाईएफआई) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के राज्य सचिव संजय पासवान ने दिया है। बेरोजगारी जैसी महामारी और छात्र युवाओं के भविष्य पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होने कहा कि प्रतिवर्ष घटती वेकैंसी और बढ़ती बेरोजगारी की दोहरी मार से छात्र-युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। देश के युवाओं में बेहद प्रचलित सरकारी नौकरी के लिए उम्मीदवारों का एक बड़ा वर्ग निम्न व मध्यम परिवार का होता है, जिनके पास विरासत में कुछ खास नहीं होता। कठोर परिश्रम, लगन और इच्छाशक्ति ही इनकी पूंजी होती है। जो इन्हें सपने देखने की प्रेरणा देती है और वे सरकारी नौकरी में एक अच्छी आय, बेहतर जीवन और सुरक्षित भविष्य को तलाशते हैं।

नहीं हो रही प्रयोगिक परीक्षाएं

कहा कि मोदी सरकार की निजीकरण और पूंजीपति परस्त व बेरोजगारी बढ़ाने वाली नीतियों के कारण कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा परीक्षा की प्रक्रिया पूरी होने में सालों लग जा रहे हैं और वन-डे एग्जाम को 3 साल का स्नातक पाठ्यक्रम बना दिया जा रहा है। एसएससी द्वारा कराई जाने वाली परीक्षाओं में से सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय है। सीजीएल 2018 की परीक्षा का नोटिफिकेशन 5 मई 2018 को जारी किया गया और नोटिफिकेशन जारी होने से आजतक करीब 2.5 साल का वक्त पूरा हो चुका है पर अब तक परीक्षा का प्रोसेस पूरा नही हुआ है। वहीं सीजीएल 2019 का नोटिफिकेशन 22 अक्टूबर 2019 को जारी किया गया तबसे लगभग एक साल का वक्त बीत चुका है, लेकिन परीक्षा का दूसरा चरण भी अब तक शुरू नही हुआ है। यही हाल अन्य परिक्षाओं का भी है। यह सीधे तौर पर बेरोजगार युवाओं के साथ अन्याय है।

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